टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Thu, 27 Jan 2022 12:53 PM IST
सार
सीधे शब्दों में कहें तो मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर एपल और गूगल का ही प्रभुत्व है। कई पहलूओं पर विचार करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और भारत सरकार ने एक नए हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए विचार किया है।
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विस्तार
सीधे शब्दों में कहें तो मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर एपल और गूगल का ही प्रभुत्व है। कई पहलूओं पर विचार करने के बाद
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और भारत सरकार ने एक नए हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए विचार किया है। इसके लिए एक नई नीति बनाने पर काम चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) के विकास के लिए स्टार्ट-अप और कॉलेज से बात कर रही है।
इससे आईओएस और एंड्रॉयड के अलावा एक विकल्प तैयार होगा जो कि एक भारतीय ब्रांड के रूप में विकसित होगा। चंद्रशेखर ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण होता है कि लक्ष्य का स्पष्ट होना। एक बार जब हमारे लक्ष्य स्पष्ट हों तो सभी नीतियां और काम इसके अनुरूप ही होते हैं।’
उन्होंने संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) द्वारा तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का दूसरा वॉल्यूम जारी किया है जिसके सदस्यों में Apple, Lava, Foxconn, Dixon जैसी कंपनियां शामिल हैं। दस्तावेज में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को 2026 तक देश में 300 बिलियन डॉलर यानी करीब 22,55,265 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का रोड मैप है।