न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sun, 13 Mar 2022 10:17 PM IST
सार
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि हमने पहले ही 6-G पर भी काम शुरू कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि हमने 4-G और 5-G पर बहुत अच्छी प्रगति की है। हमें 6-जी तकनीक में दुनिया के अन्य मुल्कों से आगे बढ़ना चाहिए।
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हमने पहले ही 6-G पर भी काम शुरू कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि हमने 4-G और 5-G पर बहुत अच्छी प्रगति की है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें 6-जी तकनीक में दुनिया के अन्य मुल्कों से आगे बढ़ना चाहिए। नहीं तो प्रतिभाओं का देश कहलाने का क्या मतलब रह जाएगा। ये बातें उन्होंने रविवार को ट्राई अधिनियम 1997 के 25वें वर्ष पर टीडीसैट संगोष्ठी के उद्घाटन के दौरान संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रौघोगिकी के विकास के लिए नियामकीय ढांचे में बदलाव की तैयारी कर रही है। हमें कानूनी ढांचे, नियामकीय क्रियान्वयन ढांचे और हमारे सरकारी निकायों की सोच, लोगों के प्रशिक्षण सभी में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ भागीदार के रूप में बातचीत होनी चाहिए न कि किसी विरोधी की तरह। उन्होंने कहा कि प्रौघोगिकी के विकास के लिए हमें इस पर निरंतर काम करते रहने की और इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप्स को जोडने की जरूरत है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यही एक ऐसा क्षेत्र है जो भविष्य के उद्यमियों को जन्म देगा।
केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि जब टू-जी और थ्री-जी की बात होती थी तब हम दुनिया के तमाम मुल्कों से पीछे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमें 5-जी और 6-जी तकनीक के मामले में आगे रहना होगा। एक प्रतिभाशील देश होने के नाते हमें इस तरह से विचार करना होगा जिससे हम अगुवाई कर सकें और पूरी दुनिया के लिए दिशा तय कर सकें।
उन्होंने बताया कि आईआईटी-चेन्नई, आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-बंबई और आईआईएससी-बेंगलूर सहित 11 संस्थानों ने 14 महीने में तीन करोड़ डॉलर खर्च करके 4जी तकनीकी तैयार की है। उन्होंने यह भी बताया कि 35 भारतीय दूरसंचार कंपनियां अपने उत्पादों को विदेशी बाजारों में निर्यात करने की तैयारी में हैं। भविष्य की 5-जी और 6-जी प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के तहत सबसे महत्वपूर्ण समूहों की अगुवाई आज भारती के लोग कर रहे हैं।
विस्तार
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हमने पहले ही 6-G पर भी काम शुरू कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि हमने 4-G और 5-G पर बहुत अच्छी प्रगति की है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें 6-जी तकनीक में दुनिया के अन्य मुल्कों से आगे बढ़ना चाहिए। नहीं तो प्रतिभाओं का देश कहलाने का क्या मतलब रह जाएगा। ये बातें उन्होंने रविवार को ट्राई अधिनियम 1997 के 25वें वर्ष पर टीडीसैट संगोष्ठी के उद्घाटन के दौरान संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रौघोगिकी के विकास के लिए नियामकीय ढांचे में बदलाव की तैयारी कर रही है। हमें कानूनी ढांचे, नियामकीय क्रियान्वयन ढांचे और हमारे सरकारी निकायों की सोच, लोगों के प्रशिक्षण सभी में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ भागीदार के रूप में बातचीत होनी चाहिए न कि किसी विरोधी की तरह। उन्होंने कहा कि प्रौघोगिकी के विकास के लिए हमें इस पर निरंतर काम करते रहने की और इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप्स को जोडने की जरूरत है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यही एक ऐसा क्षेत्र है जो भविष्य के उद्यमियों को जन्म देगा।
केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि जब टू-जी और थ्री-जी की बात होती थी तब हम दुनिया के तमाम मुल्कों से पीछे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमें 5-जी और 6-जी तकनीक के मामले में आगे रहना होगा। एक प्रतिभाशील देश होने के नाते हमें इस तरह से विचार करना होगा जिससे हम अगुवाई कर सकें और पूरी दुनिया के लिए दिशा तय कर सकें।
उन्होंने बताया कि आईआईटी-चेन्नई, आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-बंबई और आईआईएससी-बेंगलूर सहित 11 संस्थानों ने 14 महीने में तीन करोड़ डॉलर खर्च करके 4जी तकनीकी तैयार की है। उन्होंने यह भी बताया कि 35 भारतीय दूरसंचार कंपनियां अपने उत्पादों को विदेशी बाजारों में निर्यात करने की तैयारी में हैं। भविष्य की 5-जी और 6-जी प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के तहत सबसे महत्वपूर्ण समूहों की अगुवाई आज भारती के लोग कर रहे हैं।
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