न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 02 Feb 2022 08:15 PM IST
सार
राहुल ने अपने भाषण में कांग्रेस की पिछली सरकारों के कामकाज से लेकर अपनी दादी और परदादा की हत्या तक का जिक्र कर दिया। इसके अलावा उन्होंने सदन में ही चीन का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश भारत को घेरने की कोशिश में है और उसने साजिश तैयार कर ली है।
राहुल गांधी।
– फोटो : ANI
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विस्तार
बजट पर राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर लोकसभा में बुधवार को धन्यवाद प्रस्ताव पेश हुआ। आमतौर पर इस प्रस्ताव को लेकर पक्ष और विपक्ष अपना नजरिया सदन में रखते हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मौके का इस्तेमाल मोदी सरकार पर निशाना साधने और देश में पैदा होने वाले कथित खतरों को लेकर आगाह करने के लिए किया। राहुल ने अपने भाषण में कांग्रेस की पिछली सरकारों के कामकाज से लेकर अपनी दादी और परदादा की हत्या तक का जिक्र कर दिया। इसके अलावा उन्होंने सदन में ही चीन का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश भारत को घेरने की कोशिश में है और उसने साजिश तैयार कर ली है।
10 पॉइंट में राहुल गांधी के भाषण की बड़ी बातें
1. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर
मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का अभिभाषण नौकरशाही विचारों का जिक्र था। इसमें सच्चाई का काफी अभाव था। अभिभाषण में सरकार के कामों की लंबी सूची तो थी, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया कि आज भारत बंट चुका है। आज एक नहीं दो भारत हो गए हैं। एक अमीरों का हिंदुस्तान और एक गरीबों का हिंदुस्तान और इन दोनों हिंदुस्तानों में खाई बढ़ती जा रही है।
2. बेरोजगारी पर
राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का जिक्र एक बार फिर मोदी सरकार को घेरने के लिए किया। उन्होंने कहा, “भाषण में बेरोजगारी का जिक्र नहीं था। सब जगह युवा सिर्फ एक ही चीज मांग रहा है रोजगार, जो आपकी सरकार नहीं दे पा रही है। इस पिछले साल तीन करोड़ युवा रोजगार खो चुके हैं। आप बात करते हो रोजगार देने की। 2021 में तीन करोड़ युवा खो चुके हैं। पचास साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज हिंदुस्तान में है।”
3. कांग्रेस की पिछली सरकार के कामों पर
राहुल ने कहा, “अगर आप यूपीए की पिछली सरकारों के कामों की बात करें तो बता दूं कि हमारी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। ये हमारा आंकड़ा नहीं है। हमने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया है।
4. व्यापार में उद्योगपति AA गठजोड़ पर
राहुल ने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपतियों पर भी हमला बोला। हालांकि, उन्होंने नाम सिर्फ गौतम अडानी का लिया। कांग्रेस नेता ने कहा, “कोरोना के समय अलग अलग वैरिएंट्स आते हैं। ये दो (उद्योगपति) भी दो अलग-अलग वैरिएंट्स हैं। AA वैरिएंट्स। ये हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में फैल रहा है। एक व्यक्ति को हिंदुस्तान के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर, ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस, एडिबल ऑयल, उधर अडानी जी दिखाई देते हैं। और दूसरे को टेलिकॉम, पेट्रोकेमिकल और ई-कॉमर्स में मोनोपोली दी है। इसलिए सारा धन इन्हीं हाथों में जा रहा है। ”
5. देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर
राहुल ने बेरोजगारी के साथ ही देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “जो लोग आपका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना सकते थे, उन्हें आपने खत्म कर दिया है। आप मेड इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन मेड इन इंडिया हो ही नहीं सकता। आपने उन्हें परे कर दिया। स्मॉल-मीडियम इंडस्ट्री को खत्म कर दिया। मैन्युफैक्चरिंग जॉब्स की बात करें, तो पिछले पांच साल में इसमें कमी आई है। आप एमएसएमई और छोटे उद्योगों को खत्म कर रहे हैं। दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, लेकिन हम यहां भाषण देते रहते हैं। न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया। इस हिंदुस्तान को दिख रहा है कि आज देश के 100 सबसे अमीर लोगों के पास भारत के 55 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति है।”
6. भारत के संघवाद पर
“देश के आज दो विजन हैं। पहला कि यह राज्यों का संघ है। यानी यह राष्ट्र सहयोग से चलेगा। ये एक साझेदारी है। वहीं एक और विजन भी है कि भारत को केंद्र से शासित किया जा सकता है। जब भी ऐसी कोशिशें की गईं तब नाकाम हुई हैं। केंद्रीयकरण के नजरिए को कांग्रेस सरकार ने 1947 में ही खत्म कर दिया था। तब भी यही विजन था कि एक शहंशाह होगा, एक मास्टर ऑफ मास्टर होगा। अब क्या हो रहा हैइस गलत नजरिए कि वजह से अब राज्यों के बीच बातचीत के जो तरीके हैं, जिन्हें हम देश के संस्थान कहते हैं, उन पर हमला हो रहा है।
7. पेगासस जासूसी मुद्दे पर
“जब आप पेगासस को नेताओं की जासूसी के लिए लगाते हैं। प्रधानमंत्री इस्राइल जाकर लोगों की जासूसी का उपकरण लाते हैं तो वे केरल, तमिलनाडु और हर राज्य के साथ धोखा कर रहे हैं। एक सरकार ने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। आप ये जो हमला कर रहे हैं देश के संस्थानों पर, इसका जवाब मिलेगा।” हालांकि, इस मुद्दे के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन होने की वजह से राहुल को इस मौके पर नहीं बोलने दिया गया।
8. अपने परिवार के नेताओं-पूर्व प्रधानमंत्रियों पर
मेरे परदादा ने 15 साल जेल में बिताए। मेरी दादी को गोलियां लगी थीं और मेरे पिता विस्फोट में मारे गए थे। इसलिए मैं जानता हूं कि ये क्या है। आप भी अगर अभी नहीं रुके तो आप समस्या को पैदा कर लेंगे।
9. गृह मंत्री-मणिपुर के नेताओं की मुलाकात पर
राहुल ने धन्यवाद प्रस्ताव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री पर भी हमला बोला और एक वाकया सुना दिया। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले किसी राजनीतिक दल के नेता मणिपुर से आए थे, वे काफी गुस्से में थे। मैंने उनसे पूछा कि आप गुस्से में क्यों हैं, तो उन्होंने कहा कि मेरी कभी बेइज्जती नहीं हुई है। क्योंकि मणिपुर के कई नेता कुछ दिन पहले गृह मंत्री के घर गए थे। वहां हमसे जूते उतरवाए गए, लेकिन गृह मंत्री चप्पले पहनकर घूम रहे थे। आखिर क्यों गृह मंत्री अपने घर में चप्पल पहनकर घूम सकते हैं और बाहर से आया व्यक्ति बिना जूतों के घूमेगा। उन्होंने मुझे इसकी तस्वीर दिखाई। आखिर ऐसा भेदभाव क्यों? ये कौन सा तरीका था आपका?
10. विदेश नीति-चीन के खतरे पर
आज भारत 15 साल पहले से भी कमजोर है। खुद से पूछिए कि आखिर क्यों भारत पूरी तरह से अकेला है और घिरा हुआ है। हम श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार अफगानिस्तान, चीन हर तरफ से घिरे हुए हैं। हमारे दुश्मन हमारी स्थिति जानते हैं। चीन के पास पक्के तौर पर एक योजना है। मैं बिना किसी शंका के भी कह सकता हूं कि चीन के पास एक साजिश है। उस साजिश का आधार हमें डोकलाम और लद्दाख में दिखा है। ये भारत पर बड़ा खतरा है।
भारत की विदेश नीति का जो सबसे बड़ा लक्ष्य रहा है, वह है पाकिस्तान को चीन के शिकंजे से दूर रखना। लेकिन आपने क्या किया। आपने पाकिस्तान को चीन के हाथों में धकेल दिया। हमने जम्मू-कश्मीर में बड़ी कूटनीतिक गलती की है। हमने विदेश नीति में बड़ी गलतियां की हैं। आपने दो अलग-अलग फ्रंट की अवधारणा को कमजोर किया है और अब उसे एक संगठित फ्रंट बना कर बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम चीन के खिलाफ अपनी रक्षा कर सकें। याद रखिए आप इसके लिए जिम्मेदार होंगे।