न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Fri, 11 Feb 2022 10:11 AM IST
सार
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस बल में केवल 10.30 प्रतिशत महिलाएं ही शामिल हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए महिलाओं को रक्षा बलों से सीख लेनी होगी। रक्षा बल महिलाओं को युद्धक भूमिका में भी तैनात कर रहे हैं।
महिला पुलिस
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विस्तार
पुलिस बलों में महिलाओं की घटती संख्या पर संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है। दरअसल, आनंद शर्मा के नेतृत्व वाली गृह मामलों की संसदीय स्थाई समिति की ओर से एक रिपोर्ट सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में पुलिस बलों में महिलाओं के खराब प्रतिनिधित्व को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। समिति की ओर से गृह मंत्रालय को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट में पुलिस-प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधार पर बात की गई है। इसमें बताया गया है कि पुलिस बल में केवल 10.30 प्रतिशत महिलाएं ही शामिल हैं।
समिति की ओर से की गई सिफारिश में कहा गया है कि प्रत्येक राज्य पर केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों में 33 प्रतिशत महिला पुलिस के प्रतिनिधित्व के लिए रोडमैप बनाना चाहिए। इसके लिए अतिरिक्त पद सृजित किए जा सकते हैं।
रक्षा बलों से सीख ले पुलिस बल
समिति की ओर से पेश की गई रिर्पोट में कहा गया है कि पुलिस बलों को रक्षा बलों से सीख लेनी चाहिए। रक्षा बल महिलाओं को चुनौतीपूर्ण कार्य दे रहे हैं। उन्हें युद्धक भूमिकाएं सौंपी जा रही हैं। ऐसे में केंद्र शासित प्रदेशों व राज्यों में भी पुलिस बलों को महिलाओं की भूमिका के बारे में सोचना चाहिए, उन्हें चुनौतीपूर्ण कर्त्तव्य देने चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में तीन महिला सब-इंस्पेक्टर के अलावा 10 महिला कांस्टेबल की तैनाती की जानी चाहिए। इसके अलावा प्रत्येक जिले में महिला पुलिस स्टेशन का भी निर्माण होना चाहिए।
21 प्रतिशत कम हुई रिक्तियां
गृह मामलों की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य पुलिस बलों में 26,23,225 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 5,31,737 की रिक्तियां ही भरी हैं। यह संख्या 21 प्रतिशत कम है।