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संयुक्त राष्ट्र: ईरान के प्रतिनिधि ने कहा- विएना परमाणु बातचीत में ईरान ने नहीं लगाईं नई शर्तें

एजेंसी, न्यूयॉर्क।
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 16 Dec 2021 12:14 AM IST

सार

ईरान के परमाणु समझौते पर यह सातवें दौर की वार्ता है, जो 29 नवंबर को विएना में शुरू हुई और इसका उद्देश्य ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाना था।

सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : पिक्साबे

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परमाणु समझौते की कड़ी में ईरान के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को लेकर एक नई कड़ी जुड़ गई है। ईरान इस मुद्दे पर समझौते को लेकर सख्त रवैया अपनाया हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि माजिद रवांची ने कहा कि इस कार्य योजना को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान कोई पूर्व शर्त या नई शर्तें न लगाकर सिर्फ प्रारंभिक शर्तों की बहानी देखना चाहता है।

रवांची संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- गलती ना करे, हम कोई पूर्व या नई शर्त नहीं लगा रहे हैं। हम उन्हीं शर्तों के बारे में बात कर रहे हैं जो जेसीपीओए और संकल्प-2231 में निहित हैं। ये वहीं शर्तें हैं जो जेसीपीओए की नींव बनाती हैं, और वही स्थितियां जो जेसीपीओए में पार्टियों की पारस्परिक प्रतिबद्धताओं के परिणामस्वरूप होती हैं।

रवांची ने जोर देकर कहा कि प्रारंभिक शर्तों की पूर्ण संतुष्टि के बिना ईरान के लिए परमाणु समझौता बेकार है। उन्होंने कहा, हम जेसीपीओए के पूर्णता के साथ समय पर, बिना शर्त और सत्यापन योग्य कार्यान्वयन का आह्वान करते हैं।

बता दें कि ईरान के परमाणु समझौते पर यह सातवें दौर की वार्ता है, जो 29 नवंबर को विएना में शुरू हुई और इसका उद्देश्य ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाना था।

विस्तार

परमाणु समझौते की कड़ी में ईरान के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को लेकर एक नई कड़ी जुड़ गई है। ईरान इस मुद्दे पर समझौते को लेकर सख्त रवैया अपनाया हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि माजिद रवांची ने कहा कि इस कार्य योजना को पुनर्जीवित करने के लिए ईरान कोई पूर्व शर्त या नई शर्तें न लगाकर सिर्फ प्रारंभिक शर्तों की बहानी देखना चाहता है।

रवांची संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- गलती ना करे, हम कोई पूर्व या नई शर्त नहीं लगा रहे हैं। हम उन्हीं शर्तों के बारे में बात कर रहे हैं जो जेसीपीओए और संकल्प-2231 में निहित हैं। ये वहीं शर्तें हैं जो जेसीपीओए की नींव बनाती हैं, और वही स्थितियां जो जेसीपीओए में पार्टियों की पारस्परिक प्रतिबद्धताओं के परिणामस्वरूप होती हैं।

रवांची ने जोर देकर कहा कि प्रारंभिक शर्तों की पूर्ण संतुष्टि के बिना ईरान के लिए परमाणु समझौता बेकार है। उन्होंने कहा, हम जेसीपीओए के पूर्णता के साथ समय पर, बिना शर्त और सत्यापन योग्य कार्यान्वयन का आह्वान करते हैं।

बता दें कि ईरान के परमाणु समझौते पर यह सातवें दौर की वार्ता है, जो 29 नवंबर को विएना में शुरू हुई और इसका उद्देश्य ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाना था।

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