वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 28 Jan 2022 11:08 PM IST
सार
विश्व आर्थिक मंच और एक्सेंचर की ओर से जारी की गई ताजा रिपोर्ट में प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन आदि से संबंधित मुद्दों पर चेतावनी दी गई है।
इमारतों का निर्माण और उनके संचालन की गतिविधियां वैश्विक उत्सर्जन में 38 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है। यह जानकारी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ओर से शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। इसने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए शहरी वातावरण में डिकार्बनाइजेशन को तेज करने के लिए समाधानों की तत्काल आवश्यकता है।
डब्ल्यूईएफ ने यह रिपोर्ट एक्सेंचर के साथ मिलकर तैयार की है। इसमें कहा गया है कि ऐसी प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं जो डिकार्बनाइजेशन में मदद कर सकती हैं लेकिन इन समाधानों को पूरी दुनिया के बड़े शहरों में लागू करने के लिए तत्काल निवेश की जरूरत है। रिपोर्ट में व्यवस्था के प्रदर्शन के साथ सामाजिक व पर्यावरण संबंधी निष्कर्षों की पहचान और निर्णय लेने वाले रुख का प्रस्ताव दिया गया है।
70 फीसदी कार्बन उत्सर्जित करती है दुनियाभर की शहरी आबादी
इसने कहा कि दुनिया की आधी से अधिक जनसंख्या शहरों में रहती है और 70 फीसदी से अधिक कार्बन उत्सर्जित करती है। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से जंग में शहरों की अहम भूमिका है। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि निर्माण क्षेत्र के कुछ नेताओं ने अपने फैसले लेने में सामाजिक और पर्यावरण संबंधीं प्रबावों पर विचार करना शुरू किया है। एक सुरक्षित भविष्य के लिए हमें हर प्रयास करना होगा।
विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि हमारा नेट जीरो कार्बन सिटी बिल्डिंग वैल्यू फ्रेमवर्क इन समस्याओं से पार पाने के लिए निवेश को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। सार्वजनिक-निजी सहयोगो प्रोत्साहन देने वाले इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा कि हमारे बिल्डिंग वैल्यू फ्रेमवर्क का लचीला है इसका मतलब यह है कि इसे वर्तमान इमारतों के पुनर्निर्माण के साथ नई इमारतों के निर्माण में भी प्रयोग कर सकते हैं।
विस्तार
इमारतों का निर्माण और उनके संचालन की गतिविधियां वैश्विक उत्सर्जन में 38 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार है। यह जानकारी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ओर से शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। इसने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए शहरी वातावरण में डिकार्बनाइजेशन को तेज करने के लिए समाधानों की तत्काल आवश्यकता है।
डब्ल्यूईएफ ने यह रिपोर्ट एक्सेंचर के साथ मिलकर तैयार की है। इसमें कहा गया है कि ऐसी प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं जो डिकार्बनाइजेशन में मदद कर सकती हैं लेकिन इन समाधानों को पूरी दुनिया के बड़े शहरों में लागू करने के लिए तत्काल निवेश की जरूरत है। रिपोर्ट में व्यवस्था के प्रदर्शन के साथ सामाजिक व पर्यावरण संबंधी निष्कर्षों की पहचान और निर्णय लेने वाले रुख का प्रस्ताव दिया गया है।
Source link
Like this:
Like Loading...
carbon emission, climate change, global warming, pollution, urban population, world economic forum, World Hindi News, World News in Hindi, कार्बन उत्सर्जन, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, विश्व आर्थिक मंच