न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विशाल तिवारी
Updated Sat, 08 Jan 2022 12:25 AM IST
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एनसीएससी ने दिया यह आदेश
अधिकारियों को भेजे गए लिखित संदेश में एनसीएससी के निदेशक ने कहा, ‘अध्यक्ष विजय सांपला ने 31 जनवरी को सुबह 11 बजे लोकनायक भवन, नई दिल्ली में आप सभी के साथ व्यक्तिगत रूप से एक बैठक तय की है। आपको एक अद्यतन कार्रवाई रिपोर्ट और संबंधित फाइलों, केस डायरी सहित सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ सुनवाई की सुविधा के लिए उपस्थित होना है।’
राज्य सरकार से जांच में निर्णय नहीं लेने की अपील
एनसीएससी ने जांच पूरी होने तक महाराष्ट्र सरकार से इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लेने की अपील की है। एनसीएससी के निदेशक कौशल कुमार ने कहा, ‘मामले की जांच आयोग में लंबित होने तक राज्य सरकार द्वारा इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा। यह आयोग के प्रक्रिया नियम (आरओपी) खंड 7.2 के अनुसार है।’
क्या है मामला
बता दें कि समीर वानखेड़े आर्यन खान मामले के सिलसिले में काफी समय से सुर्खियों में रहे। उस दौरान महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उन पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया था। एनसीएससी वानखेड़े को झूठे मामले में फंसाए जाने की शिकायत की जांच कर रहा है।
नवाब मलिक ने लगाया था यह आरोप
नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम थे। यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद एससी कोटे के तहत आईआरएस अधिकारी के रूप में नौकरी पाने के लिए उन्होंने अपने जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जाली बनवाए थे। मलिक ने यह भी आरोप लगाया था कि वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद था न कि ज्ञानदेव। हालांकि, वानखेड़े इन आरोपों को नकारते रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने मलिक द्वारा किए गए खुलासे के बाद एनसीएससी के पास उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज कराई। बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ समीर वानखेड़े का कार्यकाल पिछले वर्ष 31 दिसंबर को समाप्त हो गया, जिसके बाद उन्हें उनके मूल संगठन राजस्व खुफिया निदेशालय में भेज दिया गया।