वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 21 Feb 2022 01:26 PM IST
सार
सोशल मीडिया पर नियंत्रण के इरादे से यह कानूनी प्रावधान किया गया है। इमरान सरकार ने प्रिवेंशन आफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (PECA) में संशोधन किया है।
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विस्तार
सोशल मीडिया पर नियंत्रण के इरादे से यह कानूनी प्रावधान किया गया है। इमरान सरकार ने प्रिवेंशन आफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (PECA) में संशोधन किया है। पाक मीडिया संगठन व पत्रकार इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे जनता के मूलभूत अधिकार का हनन करने वाला काला कानून बताया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा जारी एक अध्यादेश के जरिए इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम कानून, 2016 (PECA) के प्रावधानों में बदलाव किए गए हैं। इससे कुछ दिन पहले पाक संचार मंत्री मुराद सईद के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों के लिए मीडिया महारथी मोहसिन बेग को गिरफ्तार किया गया था।
कानून मंत्री बैरिस्टर फारुख नसीम ने भी चेतावनी दी थी कि फर्जी खबरों फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम (संशोधन) अध्यादेश, 2022 लागू किया गया। नसीम ने कहा है कि फर्जी खबरें फैलाने को संज्ञेय अपराध के तौर पर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जो भी हुआ वह बीती बात है, अब हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।
क्या है नया कानूनी प्रावधान
अध्यादेश में पेका की धारा 20 में संशोधन कर किसी व्यक्ति या संस्थान का अपमान करने के लिए जेल की सजा तीन साल से बढ़ाकर पांच साल की गई है। नए कानूनों में ऑनलाइन मंच पर सार्वजनिक मानहानि को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बना दिया गया है और मामले के शीघ्र निपटारे के लिए एक नई धारा जोड़ी है। इसमें कहा गया है कि मुकदमे की सुनवाई शीघ्रता से की जाए लेकिन मामले पर संज्ञान लेने के बाद छह महीने से ज्यादा की देरी नहीं होनी चाहिए।
आजाद बोल मंजूर नहीं
इस कानून के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का भी दौर शुरू हो गया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ऐसा लगता है कि इमरान खान को लोगों के आजाद बोल भी मंजूर नहीं हैं।