सार
रूस का दावा है कि सेना की बढ़ोतरी हमेशा सैन्य अभ्यास के लिए रही है और इससे यूक्रेन या किसी अन्य देश को कोई खतरा नहीं है। इसी बीच पुतिन ने अपने सख्त तेवर भी दिखाए हैं।
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विस्तार
इस बैठक में पुतिन ने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी गणराज्यों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के अनुरोध पर विचार कर रहा है। पूर्वी यूक्रेन के दो स्व-घोषित गणराज्यों के विद्रोही नेताओं ने पुतिन से अपनी स्वतंत्रता को मान्यता देने की अपील की थी। वहीं, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ गुरुवार को जिनेवा में मुलाकात करने की बात कही है।
रूस का दावा, सैन्य अभ्यास से यूक्रेन को कोई खतरा नहीं
रूस का दावा है कि सेना की बढ़ोतरी हमेशा सैन्य अभ्यास के लिए रही है और इससे यूक्रेन या किसी अन्य देश को कोई खतरा नहीं है। लेकिन शीत युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ी सैन्य शक्ति के जमावड़े को लेकर रूस ने कोई स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया है। शनिवार को रूस के रोस्तोव क्षेत्र में पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के शरणार्थियों के लिए 15 सीमा पार खोल दिए गए थे। बाद में उसी दिन रूसी समर्थक अलगाववादी डीपीआर के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने घोषणा की कि उन्होंने सामान्य लामबंदी पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
पुतिन और मैक्रों के बीच फोन पर हुई बात
रविवार को पुतिन और मैक्रों ने फ्रांसीसी पक्ष की पहल पर फोन पर बातचीत की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति त्रिपक्षीय समूह (रूस, यूक्रेन, ओएससीई – यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के लिए संगठन) पर सोमवार को यूक्रेन पर होने वाली वार्ता को लेकर सहमत हुए। रूसी राष्ट्रपति ने कथित तौर पर मैक्रों को मौजूदा संयुक्त सैन्य अभ्यास समाप्त होने के बाद बेलारूस से सैनिकों को वापस बुलाने के इरादे की भी पुष्टि की।
हाल के तनाव रूस के पूर्व में डोनबास क्षेत्र से लेकर उत्तर में बेलारूस और दक्षिण में क्रीमिया की सीमा पर लगभग 150,000 सैनिकों के जमावड़े का परिणाम है, जो ठंड के मौसम में शुरू हुआ था।
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