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रूस-यूक्रेन जंग: कितना दम है रूस की परमाणु युद्ध की धमकी में?

सार

जानकारों के मुताबिक रूस के पास अमेरिका से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इनकी संख्या करीब 6,250 है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के विवरण के मुताबिक अमेरिका के पास 5,500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं।

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यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों की लगी झड़ी के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अपने परमाणु हथियार तंत्र को सतर्क करने का आदेश दिया। पश्चिमी राजधानियों में हालांकि इसे गंभीरता से लिया गया है, लेकिन परमाणु युद्ध की आशंका यहां नहीं है। फिर भी पश्चिमी देशों में रूस की परमाणु नीति और परमाणु क्षमताओं का नए सिरे से आकलन किया जा रहा है।

पुतिन का सेना को निर्देश 
पुतिन ने रविवार को कहा- ‘नाटो के बड़े अधिकारी हमारे देश के बारे में आक्रामक टिप्पणियां कर रहे हैं। इसलिए मैं अपने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख को आदेश देता हूं कि वे रूस की रक्षात्मक शक्ति को युद्ध योग्य तैयारी में रखें।’ इसको लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पत्रकारों पूछा कि क्या अमेरिकियों को परमाणु युद्ध की संभावना से चिंतित होना चाहिए। उस पर उन्होंने कहा, नहीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन की धमकी अभूतपूर्व नहीं है। टॉड सेशर के साथ मिल कर ‘न्यूक्लीयर वीपन्स एंड कोर्सिव डिप्लोमेसी’ नाम की किताब लिखने वाले मैथ्यू फहरमान ने टीवी चैनल सीएनएन को बताया कि उन्होंने अपनी किताब में ऐसे 19 मौकों का जिक्र किया है, जब परमाणु हथियार दागने की धमकी दी गई। 1959 में तत्कालीन सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने मास्को स्थित अमेरिकी राजदूत से कहा था कि पश्चिमी देश ये भूल गए लगते हैं कि रूस के पास ऐसी मिसाइलें हैं, जो पूरे यूरोप को नष्ट कर सकती हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल में वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने धमकी दी थी कि ‘जब राष्ट्रपति गुस्से में होते हैं, तो उन्हें रोकना संभव नहीं है। उनके हाथ में न्यूक्लियर बटन है।’

परमाणु ब्लैकमेल का रिकॉर्ड बेहतर नहीं
फहरमान ने कहा कि परमाणु ब्लैकमेल का रिकॉर्ड बेहतर नहीं है। अनेक मौकों पर परमाणु युद्ध की धमकी देकर दुश्मन को धमकाने की कोशिश नाकाम रही है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में खुद नहीं कूदने जा रहा है। ना ही वह रूस से वायु क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित करेगा। फिर पुतिन को यह भी याद रखना पड़ेगा कि परमाणु हथियार का निशाना वे और उनकी जनता भी बनेगी।

जानकारों के मुताबिक रूस के पास अमेरिका से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इनकी संख्या करीब 6,250 है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के विवरण के मुताबिक अमेरिका के पास 5,500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। दोनों देशों ने अपने ज्यादातर ऐसे हथियारों को मिसाइलों में या मिसाइल दागने के अड्डों पर तैनात नहीं किया है। रूस के 1,458 परमाणु हथियार अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलों या लड़ाकू विमानों पर तैनात हैं। अमेरिका के 1,389 परमाणु हथियार अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलों या लड़ाकू विमानों पर तैनात हैं।   

विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी और देश के पास रूस या अमेरिका जितने परमाणु हथियार नहीं हैं। इस मामले में ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, इजराइल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया काफी पीछे हैं। सेशर ने कहा है कि पुतिन ने आदेश जारी करते हुए इस पर पूरा विचार नहीं किया कि उनके इस कदम के कैसे परिणाम हो सकते हैं। बिना यह सोचे उन्होंने रूस का आखिरी दांव भी चल दिया।

विस्तार

यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों की लगी झड़ी के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अपने परमाणु हथियार तंत्र को सतर्क करने का आदेश दिया। पश्चिमी राजधानियों में हालांकि इसे गंभीरता से लिया गया है, लेकिन परमाणु युद्ध की आशंका यहां नहीं है। फिर भी पश्चिमी देशों में रूस की परमाणु नीति और परमाणु क्षमताओं का नए सिरे से आकलन किया जा रहा है।

पुतिन का सेना को निर्देश 

पुतिन ने रविवार को कहा- ‘नाटो के बड़े अधिकारी हमारे देश के बारे में आक्रामक टिप्पणियां कर रहे हैं। इसलिए मैं अपने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख को आदेश देता हूं कि वे रूस की रक्षात्मक शक्ति को युद्ध योग्य तैयारी में रखें।’ इसको लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पत्रकारों पूछा कि क्या अमेरिकियों को परमाणु युद्ध की संभावना से चिंतित होना चाहिए। उस पर उन्होंने कहा, नहीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन की धमकी अभूतपूर्व नहीं है। टॉड सेशर के साथ मिल कर ‘न्यूक्लीयर वीपन्स एंड कोर्सिव डिप्लोमेसी’ नाम की किताब लिखने वाले मैथ्यू फहरमान ने टीवी चैनल सीएनएन को बताया कि उन्होंने अपनी किताब में ऐसे 19 मौकों का जिक्र किया है, जब परमाणु हथियार दागने की धमकी दी गई। 1959 में तत्कालीन सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने मास्को स्थित अमेरिकी राजदूत से कहा था कि पश्चिमी देश ये भूल गए लगते हैं कि रूस के पास ऐसी मिसाइलें हैं, जो पूरे यूरोप को नष्ट कर सकती हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल में वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने धमकी दी थी कि ‘जब राष्ट्रपति गुस्से में होते हैं, तो उन्हें रोकना संभव नहीं है। उनके हाथ में न्यूक्लियर बटन है।’

परमाणु ब्लैकमेल का रिकॉर्ड बेहतर नहीं

फहरमान ने कहा कि परमाणु ब्लैकमेल का रिकॉर्ड बेहतर नहीं है। अनेक मौकों पर परमाणु युद्ध की धमकी देकर दुश्मन को धमकाने की कोशिश नाकाम रही है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में खुद नहीं कूदने जा रहा है। ना ही वह रूस से वायु क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित करेगा। फिर पुतिन को यह भी याद रखना पड़ेगा कि परमाणु हथियार का निशाना वे और उनकी जनता भी बनेगी।

जानकारों के मुताबिक रूस के पास अमेरिका से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। इनकी संख्या करीब 6,250 है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के विवरण के मुताबिक अमेरिका के पास 5,500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। दोनों देशों ने अपने ज्यादातर ऐसे हथियारों को मिसाइलों में या मिसाइल दागने के अड्डों पर तैनात नहीं किया है। रूस के 1,458 परमाणु हथियार अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलों या लड़ाकू विमानों पर तैनात हैं। अमेरिका के 1,389 परमाणु हथियार अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलों या लड़ाकू विमानों पर तैनात हैं।   

विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी और देश के पास रूस या अमेरिका जितने परमाणु हथियार नहीं हैं। इस मामले में ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, इजराइल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया काफी पीछे हैं। सेशर ने कहा है कि पुतिन ने आदेश जारी करते हुए इस पर पूरा विचार नहीं किया कि उनके इस कदम के कैसे परिणाम हो सकते हैं। बिना यह सोचे उन्होंने रूस का आखिरी दांव भी चल दिया।

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