एएनआई, इस्लामाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 21 Feb 2022 10:57 PM IST
सार
नए लीक 2016 में तथाकथित पनामा पेपर्स, 2017 में पैराडाइज पेपर्स और पिछले साल के पेंडोरा पेपर्स की ही तरह हैं। इससे पाकिस्तान की सियासत में फिर हड़कंप मचने के आसार हैं।
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विस्तार
पूर्व आईएसआई प्रमुख का कारनामा
द न्यू यॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रहमान खान ने सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान में मुजाहिदीन को संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों से अरबों डॉलर नकद और अन्य सहायता में मदद की थी।
डॉन अखबार ने ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अफगानिस्तान में रूस की मौजूदगी से जूझ रहे मुजाहिदीन लड़ाकों के लिए सऊदी अरब और अमेरिकी फंडिंग अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) स्विस बैंक खाते में गई। रिपोर्ट के हवाले से अखबार ने कहा कि इस प्रक्रिया में अंतिम प्राप्तकर्ता अख्तर रहमान के नेतृत्व में पाकिस्तान का इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ग्रुप (आईएसआई) था।
पाकिस्तानियों के खातों में औसत 4.42 मिलियन स्विस फ्रैंक जमा
द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने बताया कि पाकिस्तानियों के खातों में औसत 4.42 मिलियन स्विस फ्रैंक जमा थे। पाकिस्तानी अखबार ने आगे जिक्र किया कि कई राजनीतिक हस्तियों की हकीकत सामने आई गई थी, वे जब सत्ता में थे तब इन खातों का जिक्र नहीं किया था। नए लीक 2016 में तथाकथित पनामा पेपर्स, 2017 में पैराडाइज पेपर्स और पिछले साल के पेंडोरा पेपर्स की ही तरह हैं।
द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक व्हिसल-ब्लोअर ने 18,000 से अधिक बैंक खातों के बारे में जर्मन अखबार सुदेतुश जितुंग को डेटा लीक किया था, जिसमें कुल 100 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि थी। आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है, क्योंकि लीक के बारे में और जानकारी सामने आएगी।