एजेंसी,लंदन
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 06 Mar 2022 06:29 AM IST
सार
ग्रांट थॉर्न्ट्न और फिक्की द्वारा तैयार ‘ब्रिटेन में भारत: प्रवासियों का प्रभाव 2.0’ शीर्षक रिपोर्ट को बीते शुक्रवार लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने जारी किया। इसमें प्रवासी उद्यमियों व पेशेवरों के साक्षात्कार की शृंखला भी है।
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– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
परिवार का सहारा विदेश में भी भारतीयों की सफलता का मजबूत कारण बना हुआ है। यह बात बीते हफ्ते लंदन में जारी ताजा शोध में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों की कामयाबी के पीछे पारिवारिक समर्थन, तमाम बाधाओं के खिलाफ आगे बढ़ने का संकल्प, दृढ़ कार्य नीति और भविष्य के लिए आशावाद अहम कारक हैं। ग्रांट थॉर्न्ट्न और फिक्की द्वारा तैयार ‘ब्रिटेन में भारत: प्रवासियों का प्रभाव 2.0’ शीर्षक रिपोर्ट को बीते शुक्रवार लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने जारी किया। इसमें प्रवासी उद्यमियों व पेशेवरों के साक्षात्कार की शृंखला भी है।
यहां भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार व फिक्की ब्रिटेन परिषद अध्यक्ष भारतीय मूल की बरोनेस उषा पाराशर ने द्विपक्षीय संबंधों में युवाओं की भूमिका का उल्लेख किया।
पौने दो लाख नौकरियां दे रहे प्रवासी भारतीय…
प्रवासियों पर यह दूसरी रिपोर्ट है। इसमें ब्रिटेन में रह रहे भारतीयों की संख्या 17 लाख आंकी गई है। वर्ष 2020 में पहली रिपोर्ट में ब्रिटेन में एक लाख पाउंड से ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाली प्रवासी भारतीयों के नेतृत्व वाली 654 कंपनियों की पहचान की गई थी। इन कंपनियों का संयुक्त सालाना टर्नओवर 36.84 अरब पाउंड बताया गया था। ये 1.74 लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं।