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यूनिसेफ का खुलासा : हर मिनट 55 बच्चे बन रहे शरणार्थी, मैरियूपोल में फंसे लोगों के पास भोजन-पानी तक नहीं, 30 लाख से ज्यादा ने छोड़ा वतन

संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने कहा है कि 24 फरवरी को रूसी सेना के यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक 75,000 बच्चों ने अपना देश छोड़ दिया है। इस हमले के बाद से यूरोप में शरणार्थियों की बाढ़ सी आ गई है। हर मिनट 55 बच्चे शरणार्थी बनने को मजबूर हो गए हैं। जबकि यूक्रेन के मैरियूपोल शहर में अब भी 3.5 लाख लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें भोजन-पानी तक नसीब नहीं हो रहा।

यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने बताया कि इस हिसाब से करीब हर सेकंड में एक बच्चा शरणार्थी बन रहा है। उन्होंने बताया, हालात इतने विकट हैं कि युद्ध की शुरुआत से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग अपना वतन छोड़ चुके हैं।

अधिकांश बच्चों को माता-पिता और भाई-बहन के साथ पलायन का यह कठिन सफर तय करना पड़ रहा है। कुछ बच्चों को माओं ने छुट्टी का बताकर सफर तय किया तो कुछ ने कहा कि हमारे घर सुरक्षित नहीं हैं और पापा को देश की रक्षा के लिए वहीं रुकना होगा।

उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने बताया कि मैरियूपोल की बमबारी में 2,500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। उपग्रह तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ दिखता है। जबकि शहर में फंसे करीब 3.5 लाख लोग शून्य डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान में बिजली, पानी, गैस और दवा के बिना ही जीने को मजबूर हैं।

गोलाबारी के बीच वतन छोड़ा
मैरियूपोल सिटी काउंसिल के मुताबिक, कारों से शहर छोड़ने वालों में सिर्फ 2,000 लोग भाग पाए हैं जबकि इतने ही वाहन शहर से बाहर जाने वाले हाईवे पर खड़े हैं। शहर को रूसी सैनिकों ने 1 मार्च से ही घेरा हुआ है। यहां लोगों को निकालने के लिए बनाया गया सुरक्षा कॉरिडोर भी नाकाम रहा। भागने में सफल रही एक महिला लिडिया ने बताया, रूसी बम उनके घर पास गिर रहे थे, हमने गोलाबारी के बीच वतन छोड़ा है।

बेसमेंट में शरण ली, बारिश के पानी का सूप पिया
यूक्रेन छोड़ने वाली लिडिया ने कहा, उन्होंने करीब 60 लोगों के साथ एक बेसमेंट में दो हफ्ते शरण ली। शहर से बाहर रूसी प्लेन बहुत नीचे उड़ रहे थे। हमें लगातार हमले का डर सता रहा था। इसलिए हमें कई बार रुकना पड़ा और बच्चों को छिपाना पड़ा।

इसी तरह, स्वेतलाना ने बताया कि उन्होंने करीब 17 लोगों को अपने घर में पनाह दी। बारिश का पानी एकत्र कर सूप पकाया। स्वितलाना ने कहा- मैं शहर नहीं छोड़ना चाहती थी, लेकिन जब चौबीसों घंटे बमबारी हुई तो मुश्किल हो गया। 57 वर्षीय स्वेतलाना का बेटा मैरियूपोल में ही है जिसे लेकर वे बहुत चिंतित हैं।

टीवी पत्रकार मरीना को शरण देगा फ्रांस : मैक्रों
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस ने यूक्रेन के टीवी चैनल में एडिटर रही युद्ध-विरोधी कार्यकर्ता मरीना ओव्स्यानिकोवा को अपने दूतावास के जरिये सुरक्षा और शरण प्रदान करने की पेशकश की है। मैक्रों ने कहा कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने अगले फोन कॉल में सीधे और बहुत ठोस तरीके से इस समाधान का प्रस्ताव देंगे।

उन्होंने पत्रकारों को हिरासत में लेने की निंदा की और आशा जताई कि ओव्स्यानिकोवा की स्थिति को जल्द से जल्त स्पष्ट किया जाएगा। उन्होंने कह्रा, फ्रांस युद्ध के कारण भागे यूक्रेन के 1,00,000 लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार हो रहा है।

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