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यूक्रेन सीमा पर बाधा: फंसे भारतीयों को निकालने के पूरी ताकत से प्रयास, संयुक्त राष्ट्र को कराया हालात से अवगत

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला,कीव
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 01 Mar 2022 07:45 AM IST

सार

भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के हालात पर आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीयों को निकालने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मानवीय संकट को जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है। 
 

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भारतीयों को यूक्रेन सीमा से निकालने में बाधा आ रही है। वहां के जटिल हालात को लेकर भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र को अवगत कराया। भारत अपने नागरिकों की निकासी के पूरे प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही यूक्रेन के पड़ोसी देशों द्वारा भारत के लोगों को निकालने में मदद के प्रति आभार भी जताया। 
 

भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के हालात पर आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीयों को निकालने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मानवीय संकट को जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है। 

कूटनीतिक हल के अलावा कोई चारा नहीं
तिरुमूर्ति ने संयुक्त महासभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि यूक्रेन संकट का कूटनीतिक हल निकालने के अलावा कोई चारा नहीं है। भारत हमेशा से चाहता है कि विवादों का शांतिपूर्ण हल निकाला जाना चाहिए। इसलिए यूक्रेन के मामले में भी कूटनीति के रास्ते पर लौटना चाहिए। 

यूक्रेन के हालात से भारत चिंतित
यूएन महासभा के साथ ही सुरक्षा परिषद में भी यूक्रेन के हालात पर विचार हो रहा है। सुरक्षा परिषद में तिरुमूति ने कहा कि भारत तत्काल हिंसा रोकने का आह्वान करता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस व यूक्रेन के नेतृत्व से बात कर इस पर जोर दिया है। भारत हर तरह की शत्रुता तत्काल खत्म कराने के पक्ष में है। हम दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के पक्ष में हैं। हालांकि रूस व यूक्रेन के बीच सोमवार को सीधी बातचीत बेनतीजा रही है। 

यूएन में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। हाल ही में भारतीयों के यूक्रेन सीमा पार करने के दौरान तनाव व हमलों आदि के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। इनसे चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन के कई पड़ोसी देश अपनी सरजमीं पर भारतीयों की खुलकर मदद भी कर रहे हैं। भारत अपने नागरिकों को रोमानिया व हंगरी के रास्ते निकाल रहा है।

रविवार के बाद से सात विशेष उड़ानों के जरिए भारतीयों को स्वदेश लाया गया है, लेकिन कई नागरिक उन इलाकों में फंस गए हैं, जहां भीषण जंग जारी है। पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया व रोमानिया भारत की मदद कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं भारतीयों की निकासी में जुटे हैं। वे बीते 48 घंटों में तीन उच्च स्तरीय बैठकें कर चुके हैं। चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा रहा है, ताकि तेजी से निकासी हो सके।

भारत से हो रही नियमित बात : अमेरिका
इस बीच, पिछली यूएनएसी बैठक में मतदान के दौरान भारत की अनुपस्थिति पर अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ हमारे बहुत निकट के संबंध हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमारी भारतीय साझेदारों के साथ नियमित चर्चा होती है। हर स्तर पर बहुपक्षीय मंचों पर बातचीत होती है। इस बारे में भी हमारी बात हुई थी। 
 

विस्तार

भारतीयों को यूक्रेन सीमा से निकालने में बाधा आ रही है। वहां के जटिल हालात को लेकर भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र को अवगत कराया। भारत अपने नागरिकों की निकासी के पूरे प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही यूक्रेन के पड़ोसी देशों द्वारा भारत के लोगों को निकालने में मदद के प्रति आभार भी जताया। 

 

भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के हालात पर आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीयों को निकालने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मानवीय संकट को जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है। 

कूटनीतिक हल के अलावा कोई चारा नहीं

तिरुमूर्ति ने संयुक्त महासभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि यूक्रेन संकट का कूटनीतिक हल निकालने के अलावा कोई चारा नहीं है। भारत हमेशा से चाहता है कि विवादों का शांतिपूर्ण हल निकाला जाना चाहिए। इसलिए यूक्रेन के मामले में भी कूटनीति के रास्ते पर लौटना चाहिए। 

यूक्रेन के हालात से भारत चिंतित

यूएन महासभा के साथ ही सुरक्षा परिषद में भी यूक्रेन के हालात पर विचार हो रहा है। सुरक्षा परिषद में तिरुमूति ने कहा कि भारत तत्काल हिंसा रोकने का आह्वान करता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस व यूक्रेन के नेतृत्व से बात कर इस पर जोर दिया है। भारत हर तरह की शत्रुता तत्काल खत्म कराने के पक्ष में है। हम दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के पक्ष में हैं। हालांकि रूस व यूक्रेन के बीच सोमवार को सीधी बातचीत बेनतीजा रही है। 

यूएन में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। हाल ही में भारतीयों के यूक्रेन सीमा पार करने के दौरान तनाव व हमलों आदि के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। इनसे चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन के कई पड़ोसी देश अपनी सरजमीं पर भारतीयों की खुलकर मदद भी कर रहे हैं। भारत अपने नागरिकों को रोमानिया व हंगरी के रास्ते निकाल रहा है।

रविवार के बाद से सात विशेष उड़ानों के जरिए भारतीयों को स्वदेश लाया गया है, लेकिन कई नागरिक उन इलाकों में फंस गए हैं, जहां भीषण जंग जारी है। पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया व रोमानिया भारत की मदद कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं भारतीयों की निकासी में जुटे हैं। वे बीते 48 घंटों में तीन उच्च स्तरीय बैठकें कर चुके हैं। चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा रहा है, ताकि तेजी से निकासी हो सके।

भारत से हो रही नियमित बात : अमेरिका

इस बीच, पिछली यूएनएसी बैठक में मतदान के दौरान भारत की अनुपस्थिति पर अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ हमारे बहुत निकट के संबंध हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमारी भारतीय साझेदारों के साथ नियमित चर्चा होती है। हर स्तर पर बहुपक्षीय मंचों पर बातचीत होती है। इस बारे में भी हमारी बात हुई थी। 

 

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