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महंगाई की मार : रूस ने 100 साल में सर्वाधिक… दोगुनी से ज्यादा बढ़ाकर ब्याज दरें 20 फीसदी कीं

सार

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा का आपात सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर निरपेक्ष रहकर रूस का साथ दिया और कहा कि वार्ता और कूटनीतिक रास्ते पर लौटने से ही निकलेगा हल, और कोई विकल्प नहीं है। वहीं दूसरी ओर भारत मानवीय आधार पर यूक्रेन को दवाओं और राहत सामग्री भेजेगा और इसकी पहली खेल मंगलवार को रवाना की जाएगी। पूरी दुनिया को एक मानने के भारतीय विचार के तहत भारत यूक्रेन में फंसे अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के नागरिकों की मदद के लिए यह पहल कर रहा है। 

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पश्चिमी देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने व वित्तीय स्थिरता के लिए रूस के सेंट्रल बैंक ने सोमवार को मुख्य ब्याज दर 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी। यह पिछले 100 साल की सर्वाधिक दर है। वहीं बैंकों में कैश खत्म होने की आशंका में रूस के नागरिक बैंकों व एटीएम के बाहर कतारें लगाकर पैसा निकालने लगे। डॉलर के मुकाबले रूसी मुद्रा रूबल एक ही दिन में करीब 30 प्रतिशत गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंची।

यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों से रूस के सेंट्रल बैंक के करीब 63,000 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा भंडार व स्वर्ण भंडार फ्रीज होंगे। प्रमुख बैंक स्विफ्ट सिस्टम का उपयोग नहीं कर पाएंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय कारोबार ठप हो सकता है। कई बैंकों का कामकाज भी पश्चिमी देशों द्वारा रोका जा रहा है। ताजा कदम पर रूसी सेंट्रल बैंक ने बताया कि रूबल में तेज गिरावट और महंगाई में तेज वृद्धि को रोकने के लिए ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं। 

कंपनियों को निर्देश दिए कि वे अपने विदेशी मुद्रा राजस्व का 80 प्रतिशत भाग बेच दें। रूसी शेयर दलालों को निर्देश दिए गए कि वे विदेशियों के नियंत्रण वाले शेयर न बेचें। इस बारे में बैंक ऑफ रशिया की गवर्नर एल्विरा नबियुलीना जल्द विस्तृत निर्देश जारी कर सकती हैं। रविवार को सेंट्रल बैंक ने घरेलू बाजार से सोना खरीदने की घोषणा की थी।

महंगाई बढ़ने की आशंका
प्रतिबंधों व नागरिकों की बैंकों-एटीएम के बाहर कतारों को देखते हुए अंदेशा जताया जा रहा है कि रूस में महंगाई भी तेजी से बढ़ सकती है। एशियाई मार्केट विश्लेषण जैफरी हॉले के अनुसार, रूस की बैंकिंग व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कारोबार तहस-नहस हो सकता है।

रूस पर असर

  • 1 डॉलर के मुकाबले रूबल 30 फीसदी कमजोर हुई, 84 से बढ़कर 112 तक पहुंच गई, हालांकि बाद में संभली और 93 पर आई।
  • प्रतिबंधित रूसी बैंकों के ग्राहक देश के बाहर अपने कार्ड का उपयोग नहीं कर पा रहे।
  • एपल और गूगल पे पर भी इनके जरिए भुगतान रोके जा रहे।
रूसी बैंक हो सकता है विफल
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने दावा किया कि रूस सरकार के प्रमुख हिस्सेदारी वाले स्बेरबैंक की यूरोपीय कंपनी स्बेरबैंक यूरोप के फेल होने का खतरा पैदा हो गया है। इसकी वजह बैंक में कैश की कमी को बताया। इस बैंक की यूरोप में 185 शाखाएं हैं।

कई देशों ने और लगाए प्रतिबंध

  • ब्रिटेन : रूस के बैंक, वित्त मंत्रालय और स्टॉक फंड्स के साथ लेनदेन प्रतिबंधित। सबसे बड़ी विदेशी निवेशक ब्रिटिश पेट्रोलियम रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट में 2,500 करोड़ डॉलर में अपनी हिस्सेदारी छोड़ेगी।
  • ऑस्ट्रिया : स्बेरबैंक यूरोप पर मोरेटोरियम लगाया।
  • जर्मनी : डायचे बोअर्स ने रूसी स्टॉक्स को ट्रेडिंग से रोका
  • नॉर्वे : सरकारी कंपनी इक्विनॉर रूस के उपक्रम का विनिवेश करेगी। कीमत करीब 280 करोड़ डॉलर।
  • दक्षिण कोरिया : रूस को इलेक्ट्रॉनिक, सेमीकंडक्टर, कंप्यूटर, आईटी व कम्युनिकेशन उपकरण, सेंसर, लेजर, आदि उपकरणों के निर्यात पर सख्ती करेगा।
  • कनाडा : रूसी चैनल प्रसारक रशिया टीवी प्रतिबंधित। रूसी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र भी प्रतिबंधित। यूरोपीय संघ पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है।
चीन बोला, प्रतिबंध गैरकानूनी
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध गैर-कानूनी हैं। खासतौर से स्विफ्ट सिस्टम से उसे बाहर करना एकतरफा निर्णय है। उन्होंने रूस के साथ कारोबारी सहयोग जारी रखने की घोषणा की।

मदद का हाथ…यूक्रेन को दवाएं और राहत सामग्री भेजेगा भारत
भारत मानवीय आधार पर यूक्रेन को दवाओं और राहत सामग्री भेजेगा और इसकी पहली खेल मंगलवार को रवाना की जाएगी। पूरी दुनिया को एक मानने के भारतीय विचार के तहत भारत यूक्रेन में फंसे अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के नागरिकों की मदद के लिए यह पहल कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन संकट और वहां फंसे भारतीयों को लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा पर उच्चस्तरीय बैठक में यह जानकारी दी। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी सभी भारतीय को सुरक्षित रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके विशेष दूत के रूप में चार मंत्रियों के विभिन्न देशों की यात्रा करने से भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया तेज करने में मदद मिलेगी। यह कदम इस मामले में सरकार की प्राथमिकता को भी दिखाता है।

भारत ने 72 घंटे में दूसरी बार नहीं किया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान
यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष आपात सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। 72 घंटे के अंतराल में रविवार को दूसरी बार मतदान में अनुपस्थित रहते हुए भारत ने कहा कि यूक्रेन संकट का समाधान वार्ता और कूटनीतिक रास्ते से ही निकल सकता है। 15 देशों में 11 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। प्रस्ताव को स्थायी सदस्य वीटो नहीं कर सकते थे, इसलिए यह पारित हो गया। सोमवार को 193 देशों की महासभा का विशेष आपात सत्र बुलाया गया है। 

प्रस्ताव पारित करने के लिए 15 में से 9 सदस्यों का समर्थन चाहिए था। चीन और यूएई ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। रूस ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। बाकी 11 सदस्यों अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका ने पक्ष में मतदान किया। 72 घंटे में दूसरी बार हुए इस मतदान का स्वरूप शुक्रवार को हुए मतदान जैसा ही रहा, लेकिन परिणाम अलग निकला। महासभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव प्रक्रियागत होने से कोई स्थायी सदस्य वीटो का उपयोग नहीं कर सकता था।

40 साल में पहला आपात सत्र…
40 साल में पहली बार परिषद ने महासभा का विशेष आपात सत्र बुलाया है। इसे ‘शांति के लिए एकता’ नाम दिया जाता है।

मानवाधिकार आयोग की बैठक इसी सप्ताह
यूक्रेन के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग इसी सप्ताह बैठक करेगा। 47 सदस्यीय आयोग में 29 सदस्य बैठक के पक्ष में, जबकि रूस-चीन समेत 5 विपक्ष में रहे। 13 ने मतदान नहीं किया।

अब आगे

  • वैश्विक अभिमत तो सामने आएगा, लेकिन रूस पर अनुपालन की बाध्यता नहीं।
  • प्रस्ताव में कहा गया कि चूंकि शुक्रवार को परिषद के सदस्य एकमत नहीं थे, इसलिए विश्व शांति व सुरक्षा को बनाए रखना संभव नहीं हो पाया है।
  • परिषद ने महासभा का विशेष आपात सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इसमें यूक्रेन संकट का विश्लेषण होगा।
  • अगर सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव पारित होता, तो उसे रूस को मानना पड़ता। लेकिन महासभा में 193 देश अगर कोई प्रस्ताव पारित करते हैं, तब भी रूस पर उसके अनुपालन की कानूनी बाध्यता नहीं होगी।
खत्म करो दुश्मनी और हिंसा : भारत
परिषद की शुक्रवार की बैठक के बाद यूक्रेन के हालात और बिगड़ना खेदजनक है। हिंसा व दुश्मनी तत्काल रोकी जाए। केवल वार्ता और कूटनीति में ही इस संकट का हल है, इस रास्ते पर तत्काल लौटा जाए। दोनों देश बातचीत के लिए राजी हुए हैं, यह स्वागत योग्य है। हम यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

इन्हीं हालात में भारत ने मतदान में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। भारत वैश्विक व्यवस्था को टिकाऊ बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों, यूएन चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता व सभी देशों की संप्रभुता के सम्मान जैसे उसूलों का पालन चाहता है। – टीएस तिरुमूर्ति, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि

बाकी पक्षों ने यह कहा

  • अमेरिका : राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर आए खतरे के लिए हमें असामान्य कदम उठाने होंगे। यूक्रेन के लोगों की मदद के लिए जो बन पड़ा वह करना होगा।
  • यूक्रेन : प्रतिनिधि सर्गेई किस्लितस्या ने कहा, यूक्रेन में इस समय हवाई हमले के सायरन गूंज रहे हैं। इसके बाद क्या होता है, यह जानने के लिए तस्वीरें और वीडियो देखने चाहिए। रूस ने परमाणु शक्ति से ब्लैकमेल किया है, विश्व इसे गंभीरता से ले।
  • रूस : प्रतिनिधि व परिषद अध्यक्ष वसीली नेबेंजिया ने कहा, हर स्थायी सदस्य को वीटो इस्तेमाल करने का अधिकार है। रूस के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहों से बचना चाहिए। सचाई यह है कि किसी भी नागरिक स्थल पर गोलीबारी नहीं की गई।

विस्तार

पश्चिमी देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने व वित्तीय स्थिरता के लिए रूस के सेंट्रल बैंक ने सोमवार को मुख्य ब्याज दर 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी। यह पिछले 100 साल की सर्वाधिक दर है। वहीं बैंकों में कैश खत्म होने की आशंका में रूस के नागरिक बैंकों व एटीएम के बाहर कतारें लगाकर पैसा निकालने लगे। डॉलर के मुकाबले रूसी मुद्रा रूबल एक ही दिन में करीब 30 प्रतिशत गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंची।

यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों से रूस के सेंट्रल बैंक के करीब 63,000 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा भंडार व स्वर्ण भंडार फ्रीज होंगे। प्रमुख बैंक स्विफ्ट सिस्टम का उपयोग नहीं कर पाएंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय कारोबार ठप हो सकता है। कई बैंकों का कामकाज भी पश्चिमी देशों द्वारा रोका जा रहा है। ताजा कदम पर रूसी सेंट्रल बैंक ने बताया कि रूबल में तेज गिरावट और महंगाई में तेज वृद्धि को रोकने के लिए ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं। 

कंपनियों को निर्देश दिए कि वे अपने विदेशी मुद्रा राजस्व का 80 प्रतिशत भाग बेच दें। रूसी शेयर दलालों को निर्देश दिए गए कि वे विदेशियों के नियंत्रण वाले शेयर न बेचें। इस बारे में बैंक ऑफ रशिया की गवर्नर एल्विरा नबियुलीना जल्द विस्तृत निर्देश जारी कर सकती हैं। रविवार को सेंट्रल बैंक ने घरेलू बाजार से सोना खरीदने की घोषणा की थी।

महंगाई बढ़ने की आशंका

प्रतिबंधों व नागरिकों की बैंकों-एटीएम के बाहर कतारों को देखते हुए अंदेशा जताया जा रहा है कि रूस में महंगाई भी तेजी से बढ़ सकती है। एशियाई मार्केट विश्लेषण जैफरी हॉले के अनुसार, रूस की बैंकिंग व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कारोबार तहस-नहस हो सकता है।

रूस पर असर

  • 1 डॉलर के मुकाबले रूबल 30 फीसदी कमजोर हुई, 84 से बढ़कर 112 तक पहुंच गई, हालांकि बाद में संभली और 93 पर आई।
  • प्रतिबंधित रूसी बैंकों के ग्राहक देश के बाहर अपने कार्ड का उपयोग नहीं कर पा रहे।
  • एपल और गूगल पे पर भी इनके जरिए भुगतान रोके जा रहे।

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