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यूक्रेन संकट: मेट्रो बंकरों में शरण ले रहे भारतीय छात्र, खत्म हो रहा भोजन, नकदी की भी किल्लत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sat, 26 Feb 2022 09:20 PM IST

सार

भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को हर समय सावधानी बरतने और अपने अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना देश से बाहर निकलने के लिए किसी भी सीमा चौकियों पर नहीं जाने की सलाह दी है।

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यूक्रेन के खार्कीव शिहर में एक मेट्रो बंकर के अंदर शरण लेने वाली एक भारतीय छात्रा ने बताया है कि हमारे पास केवल आज भर का भोजन बचा हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात केरल की 21 वर्षीय मेडिकल छात्रा शाना शाजी ने कही है। शाजी अपने दोस्तों के साथ गुरुवार को मेट्रो स्टेशन पहुंच गई थीं जब रूस ने यूक्रेन पर हमले की शुरुआत की थी। 

केवल मोबाइल के सहारे बाहरी दुनिया से जुड़ी शाजी ने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मेट्रो स्टेशन के बाहर क्या चल रहा है। बीच में यह सोचकर कि स्थिति बेहतर हो रही है इन लोगों ने मेट्रो स्टेशन छोड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन स्टेशन के बाहर सड़कों पर सेना के वाहन देखने के बाद वह फिर से मेट्रो स्टेशन लौट गए। छात्रों के सामने पैसे की समस्या भी है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान की शुरुआत का एलान करने के बाद से यूक्रेन के कई शहरों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं, पुतिन की इस घोषणा के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस की ओर से किया जा रहा यह हमला यूरोप में एक बड़े युद्ध की शुरुआत साबित हो सकता है। 

सोचा था जल्दी बचा लिए जाएंगे…
बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच बमबारी से बचने के लिए लोगों ने मेट्रो स्टेशनों के अंदर शरण ली है जो बंकर बन गए हैं। इन बंकरों में मौजूद लोग अब परेशान हो रहे हैं क्योंकि उनके पास भोजन समाप्त हो रहा है। शाजी के अनुसार, जब मैं मेट्रो स्टेशन के अंदर गई थी तो मैंने सोचा था कि जल्द ही हम बचा लिए जाएंगे लेकिन अब तीन दिन हो गए हैं और स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है।

शाजी ने कहा, ‘हमारे पास भोजन नहीं है। हम अब क्या करेंगे? किसी भी एटीएम में नकदी नहीं है। मेट्रो स्टेशनों में मौजूद अधिकांश लोग भारतीय नागरिक हैं। वह सुरक्षा की चिंता के चलते प्लेटफॉर्म पर बारी-बारी से सो रहे हैं।’ कई लोग जहां बंकरों में फंसे हुए हैं वहीं अन्य छात्रों ने पैदल ही जमीनी सीमा तक पहुंचने का रास्ता चुना है। इनमें से कई छात्र अन्य देशों तक पहुंच भी चुके हैं।

भारत सरकार छात्रों को पोलैंड और रोमानिया आदि देशों की सीमा तक पहुंचने के लिए कहा है। रोमानिया की राजझानी बुखारेस्ट से आज भारतीय छात्रों का पहला समूह एयर इंडिया के विमान से मुंबई पहुंच भी गया है। वहीं, दूसरा समूह भी आज रात दिल्ली पहुंच जाएगा। भारत सरकार ने कहा है कि हम अपने छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

विस्तार

यूक्रेन के खार्कीव शिहर में एक मेट्रो बंकर के अंदर शरण लेने वाली एक भारतीय छात्रा ने बताया है कि हमारे पास केवल आज भर का भोजन बचा हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात केरल की 21 वर्षीय मेडिकल छात्रा शाना शाजी ने कही है। शाजी अपने दोस्तों के साथ गुरुवार को मेट्रो स्टेशन पहुंच गई थीं जब रूस ने यूक्रेन पर हमले की शुरुआत की थी। 

केवल मोबाइल के सहारे बाहरी दुनिया से जुड़ी शाजी ने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मेट्रो स्टेशन के बाहर क्या चल रहा है। बीच में यह सोचकर कि स्थिति बेहतर हो रही है इन लोगों ने मेट्रो स्टेशन छोड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन स्टेशन के बाहर सड़कों पर सेना के वाहन देखने के बाद वह फिर से मेट्रो स्टेशन लौट गए। छात्रों के सामने पैसे की समस्या भी है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान की शुरुआत का एलान करने के बाद से यूक्रेन के कई शहरों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं, पुतिन की इस घोषणा के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस की ओर से किया जा रहा यह हमला यूरोप में एक बड़े युद्ध की शुरुआत साबित हो सकता है। 

सोचा था जल्दी बचा लिए जाएंगे…

बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच बमबारी से बचने के लिए लोगों ने मेट्रो स्टेशनों के अंदर शरण ली है जो बंकर बन गए हैं। इन बंकरों में मौजूद लोग अब परेशान हो रहे हैं क्योंकि उनके पास भोजन समाप्त हो रहा है। शाजी के अनुसार, जब मैं मेट्रो स्टेशन के अंदर गई थी तो मैंने सोचा था कि जल्द ही हम बचा लिए जाएंगे लेकिन अब तीन दिन हो गए हैं और स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है।

शाजी ने कहा, ‘हमारे पास भोजन नहीं है। हम अब क्या करेंगे? किसी भी एटीएम में नकदी नहीं है। मेट्रो स्टेशनों में मौजूद अधिकांश लोग भारतीय नागरिक हैं। वह सुरक्षा की चिंता के चलते प्लेटफॉर्म पर बारी-बारी से सो रहे हैं।’ कई लोग जहां बंकरों में फंसे हुए हैं वहीं अन्य छात्रों ने पैदल ही जमीनी सीमा तक पहुंचने का रास्ता चुना है। इनमें से कई छात्र अन्य देशों तक पहुंच भी चुके हैं।

भारत सरकार छात्रों को पोलैंड और रोमानिया आदि देशों की सीमा तक पहुंचने के लिए कहा है। रोमानिया की राजझानी बुखारेस्ट से आज भारतीय छात्रों का पहला समूह एयर इंडिया के विमान से मुंबई पहुंच भी गया है। वहीं, दूसरा समूह भी आज रात दिल्ली पहुंच जाएगा। भारत सरकार ने कहा है कि हम अपने छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

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