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यूक्रेन संकट: कोरोना काल में 1400 किमी स्कूटी चलाकर बचाई थी जान, अब उसी बेटे की वतन वापसी का कर रहीं इंतजार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sun, 06 Mar 2022 05:45 PM IST

सार

रजिया बेगम का इक्कीस वर्षीय बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन अमन यूक्रेन की सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का प्रथम वर्ष का छात्र है। अमन वहां लगभग 100 अन्य भारतीय छात्रों के साथ फंसा हुआ है।  उसे और उसके साथ फंसे भारतीय छात्रों को अभी निकाला नहीं जा सका है।

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कोरोना काल में अपने बेटे को बचाने के लिए 1400 किलोमीटर की यात्रा करने वाली रजिया बेगम फिर से अपने उसी बेटे की सलामती के लिए दुआएं कर रही हैं। रजिया बेगम का बेटा इस समय रूस के हमले झेल रहे यूक्रेन में फंसा हुआ है। वह उसके वापस वतन लौटने का इंतजार कर रही हैं। 

रजिया बेगम का इक्कीस वर्षीय बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन अमन यूक्रेन की सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का प्रथम वर्ष का छात्र है। अमन वहां लगभग 100 अन्य भारतीय छात्रों के साथ फंसा हुआ है।  उसे और उसके साथ फंसे भारतीय छात्रों को अभी निकाला नहीं जा सका है। अमन ने आठ सौ लोगों के साथ भारी बमबारी के बीच एक तहखाने में शरण ली थी। 

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में रहने वाली बवन वर्षीय रजिया बेगम सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वह अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दुआएं कर रही हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए अपने बेटे के संपर्क में हैं. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से सूमी में फंसे छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर वापस भारत लाने की अपील की है। 

दो साल पहले देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। तब रजिया बेगम का बेटा अमन आंध्र प्रदेश के नेल्लौर में फंस गया था। तब पेशे से शिक्षिका रजिया बेगम ने अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए 1400 किलोमीटर की यात्रा अपनी स्कूटी से तय की थी। 

विस्तार

कोरोना काल में अपने बेटे को बचाने के लिए 1400 किलोमीटर की यात्रा करने वाली रजिया बेगम फिर से अपने उसी बेटे की सलामती के लिए दुआएं कर रही हैं। रजिया बेगम का बेटा इस समय रूस के हमले झेल रहे यूक्रेन में फंसा हुआ है। वह उसके वापस वतन लौटने का इंतजार कर रही हैं। 

रजिया बेगम का इक्कीस वर्षीय बेटा मोहम्मद निजामुद्दीन अमन यूक्रेन की सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का प्रथम वर्ष का छात्र है। अमन वहां लगभग 100 अन्य भारतीय छात्रों के साथ फंसा हुआ है।  उसे और उसके साथ फंसे भारतीय छात्रों को अभी निकाला नहीं जा सका है। अमन ने आठ सौ लोगों के साथ भारी बमबारी के बीच एक तहखाने में शरण ली थी। 

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में रहने वाली बवन वर्षीय रजिया बेगम सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वह अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दुआएं कर रही हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए अपने बेटे के संपर्क में हैं. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से सूमी में फंसे छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर वापस भारत लाने की अपील की है। 

दो साल पहले देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। तब रजिया बेगम का बेटा अमन आंध्र प्रदेश के नेल्लौर में फंस गया था। तब पेशे से शिक्षिका रजिया बेगम ने अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए 1400 किलोमीटर की यात्रा अपनी स्कूटी से तय की थी। 

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videsh

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