एजेंसी, कोलंबो।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 12 Mar 2022 12:21 AM IST
सार
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं इसके कारण भी तेल और गैस के दाम बढ़ रहे हैं। एक तेल कंपनी के प्रबंध निदेशक ने कहा कि तेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कीमतों के कारण हमें अभी बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है, ऐसे में कीमतें बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। दाम बढ़ाने के बावजूद भारी घाटा वहन करना होगा।
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विस्तार
कंपनी का कहना है कि श्रीलंकाई रुपये की कीमत में भारी गिरावट के कारण उसने यह फैसला किया है। बढ़ी हुई कीमतें आज से ही लागू हो गई है। एलआईओसी के प्रबंध निदेशक मनोज गुप्ता ने कहा, सात दिन के भीतर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपये में 57 रुपये की गिरावट आई है। तेल और गैसोलिन उत्पादों की कीमतों पर इसका सीधा असर पड़ा है।
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं इसके कारण भी तेल और गैस के दाम बढ़ रहे हैं। गुप्ता ने कहा, ‘‘तेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कीमतों के कारण हमें अभी बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है, ऐसे में कीमतें बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। दाम बढ़ाने के बावजूद भारी घाटा वहन करना होगा।
कच्चे तेल के दाम बढ़े
एलआईओसी को श्रीलंका सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिलती है। मनोज गुप्ता ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत हाल में 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी। भारत में दिवाली के बाद से पेट्रोल-डीजल के भाव नहीं बदले हैं जबकि इस दौरान कच्चे तेल में काफी तेजी आ चुकी है।