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यूक्रेन-रूस संकट: सिर्फ तेल ही नहीं दुनिया के सामने मंडरा रहा खाद्य सुरक्षा का खतरा, गेहूं-जौ के साथ कई चीजों की सप्लाई हो रही बाधित

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Fri, 11 Mar 2022 09:37 AM IST

सार

कोरोना महामारी ने पहले से ही दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। भुखमरी पहले से ही बढ़ रही है। इस समय भुखमरी से पीड़ित लोगों की संख्या 82.1 करोड़ के करीब है।

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रूस-यूक्रेन जंग के बीच दुनिया कई संकटों से जूझ रही है। सिर्फ सैन्य सुरक्षा एक मुद्दा नहीं है। कच्चे तेल और गैस के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच एक और बड़ा संकट दुनिया के सामने मुंह फैला रहा है। दरअसल, कोरोना महामारी से उबर रहे विश्व के सामने अब खाद्य सुरक्षा का भी संकट खड़ा हो गया है। 

दरअसल, यूक्रेन और रूस ऊर्जा उत्पादन के साथ ही साथ गेहूं और जौ के उत्पादन में भी विश्व के सबसे बड़े देशों में से एक हैं। दुनिया में गेहूं व जौ के आयात का लगभग एक तिहाई हिस्सा इन्हीं दो देशों से होता है। और तो और सूरजमुखी के तेल की सप्लाई करने वाला सबसे प्रमुख देश यूक्रेन ही है। युद्ध के बीच दुनिया में खाद्य पदार्थों की सप्लाई बाधित हो रही है, जिस कारण इनके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।

यूएन के अधिकारी ने जारी की चेतावनी
विश्व खाद्य सुरक्षा समिति के प्रमुख ग्रेबियल फरेरो ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पहले से ही दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। भुखमरी पहले से ही बढ़ रही है। ऐसे में अब दो प्रमुख देशों के बीच युद्ध ने एक बार फिर से इसमें इजाफा कर दिया है। उन्होंने बताया कि महामारी से पहले की तुलना में वर्तमान में 16.1 करोड़ ज्यादा लोग भुखमरी से पीड़ित हैं। इस समय इनकी संख्या 82.1 करोड़ के करीब है।

अभी से सचेत होने की आवश्यकता 
दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो खाद्य सामग्री के लिए रूस और यूक्रेन पर पूरी तरह से निर्भर हैं। बांग्लादेश ही कुल खपत का लगभग आधा गेहूं रूस व यूक्रेन से आयात करता है। रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं की सप्लाई में अभी बड़ी परेशानी नहीं आई है, इसके बावजूद इसकी कीमतों में 55% की वृद्धि हुई है। 

विस्तार

रूस-यूक्रेन जंग के बीच दुनिया कई संकटों से जूझ रही है। सिर्फ सैन्य सुरक्षा एक मुद्दा नहीं है। कच्चे तेल और गैस के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच एक और बड़ा संकट दुनिया के सामने मुंह फैला रहा है। दरअसल, कोरोना महामारी से उबर रहे विश्व के सामने अब खाद्य सुरक्षा का भी संकट खड़ा हो गया है। 

दरअसल, यूक्रेन और रूस ऊर्जा उत्पादन के साथ ही साथ गेहूं और जौ के उत्पादन में भी विश्व के सबसे बड़े देशों में से एक हैं। दुनिया में गेहूं व जौ के आयात का लगभग एक तिहाई हिस्सा इन्हीं दो देशों से होता है। और तो और सूरजमुखी के तेल की सप्लाई करने वाला सबसे प्रमुख देश यूक्रेन ही है। युद्ध के बीच दुनिया में खाद्य पदार्थों की सप्लाई बाधित हो रही है, जिस कारण इनके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।

यूएन के अधिकारी ने जारी की चेतावनी

विश्व खाद्य सुरक्षा समिति के प्रमुख ग्रेबियल फरेरो ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पहले से ही दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। भुखमरी पहले से ही बढ़ रही है। ऐसे में अब दो प्रमुख देशों के बीच युद्ध ने एक बार फिर से इसमें इजाफा कर दिया है। उन्होंने बताया कि महामारी से पहले की तुलना में वर्तमान में 16.1 करोड़ ज्यादा लोग भुखमरी से पीड़ित हैं। इस समय इनकी संख्या 82.1 करोड़ के करीब है।

अभी से सचेत होने की आवश्यकता 

दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो खाद्य सामग्री के लिए रूस और यूक्रेन पर पूरी तरह से निर्भर हैं। बांग्लादेश ही कुल खपत का लगभग आधा गेहूं रूस व यूक्रेन से आयात करता है। रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं की सप्लाई में अभी बड़ी परेशानी नहीं आई है, इसके बावजूद इसकी कीमतों में 55% की वृद्धि हुई है। 

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