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यूक्रेन-रूस संकट: भारत बोला- 20 हजार से अधिक भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता, बातचीत से सुलझाएं मसला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 22 Feb 2022 08:47 AM IST

सार

रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भारत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। UNSC में भारत के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन मसले पर भारतीय नागरिकों की सलामती की बात कही है और सभी देशों से संयम बरतने की अपील की है।

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रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) की आपात बैठक जारी है। इस बैठक में भारत की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। UNSC में भारत के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन मसले पर भारत की तरफ से बयान दिया है। तिरुमूर्ति ने सभी देशों से संयम बरतने की अपील की है और भारतीय नागरिकों की सलामती के लिए हर संभव कदम उठाने की बात कही है।

जानिए क्या कहा भारत ने
रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भारत ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।

विस्तार

रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) की आपात बैठक जारी है। इस बैठक में भारत की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। UNSC में भारत के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन मसले पर भारत की तरफ से बयान दिया है। तिरुमूर्ति ने सभी देशों से संयम बरतने की अपील की है और भारतीय नागरिकों की सलामती के लिए हर संभव कदम उठाने की बात कही है।

जानिए क्या कहा भारत ने

रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भारत ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।

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