एजेंसी, बैंकॉक।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 28 Dec 2021 03:06 AM IST
सार
मामले की जानकारी रखने वाले एक विधि अधिकारी ने बताया कि ये मामले देश में सेना के एक फरवरी को सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से 76 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता के खिलाफ राजधानी नेपीता की अदालत में दर्ज कई मामलों में से एक है।
म्यांमार में सत्ता से बेदखल की गई नेता आंग सान सू की
– फोटो : ANI
सैन्य शासन से जूझ रहे म्यांमार में एक अदालत ने सत्ता से बेदखल की गई नेता आंग सान सू की के खिलाफ दो आरोपों पर अपना फैसला सोमवार को टाल दिया है। सू की पर आधिकारिक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना वॉकी-टॉकी रखने और उनका आयात करने का आरोप है। विधि अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि अदालत ने 10 जनवरी तक फैसला टालने की कोई वजह नहीं बताई है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक विधि अधिकारी ने बताया कि ये मामले देश में सेना के एक फरवरी को सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से 76 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता के खिलाफ राजधानी नेपीता की अदालत में दर्ज कई मामलों में से एक है। सेना ने सू की की निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटा दिया था और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था।
सू की की पार्टी ने पिछले आम चुनावों में भारी जीत हासिल की थी लेकिन सेना ने कहा कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई। हालांकि, स्वतंत्र चुनाव निगरानी संस्था को इस दावे पर संदेह है। सू की के समर्थकों और स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि उनके खिलाफ सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है। अगर वह सभी आरोपों में दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें 100 से अधिक वर्षों की जेल की सजा हो सकती है।
अज्ञात स्थान पर हैं म्यांमार की नेता
लोकतंत्र समर्थक नेता सू की को छह दिसंबर को दो अन्य आरोपों- कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया और चार साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी। उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है। सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी।
विस्तार
सैन्य शासन से जूझ रहे म्यांमार में एक अदालत ने सत्ता से बेदखल की गई नेता आंग सान सू की के खिलाफ दो आरोपों पर अपना फैसला सोमवार को टाल दिया है। सू की पर आधिकारिक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना वॉकी-टॉकी रखने और उनका आयात करने का आरोप है। विधि अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि अदालत ने 10 जनवरी तक फैसला टालने की कोई वजह नहीं बताई है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक विधि अधिकारी ने बताया कि ये मामले देश में सेना के एक फरवरी को सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से 76 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता के खिलाफ राजधानी नेपीता की अदालत में दर्ज कई मामलों में से एक है। सेना ने सू की की निर्वाचित सरकार को सत्ता से हटा दिया था और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था।
सू की की पार्टी ने पिछले आम चुनावों में भारी जीत हासिल की थी लेकिन सेना ने कहा कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई। हालांकि, स्वतंत्र चुनाव निगरानी संस्था को इस दावे पर संदेह है। सू की के समर्थकों और स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि उनके खिलाफ सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है। अगर वह सभी आरोपों में दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें 100 से अधिक वर्षों की जेल की सजा हो सकती है।
अज्ञात स्थान पर हैं म्यांमार की नेता
लोकतंत्र समर्थक नेता सू की को छह दिसंबर को दो अन्य आरोपों- कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया और चार साल कैद की सजा सुनाई गई। सजा सुनाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी। उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है। सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी।
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