videsh

पाकिस्तान: महिलाओं पर प्रतिबंध को लेकर तालिबान को लगाई लताड़, कहा- इस सोच से जीत कर ही आगे बढ़ा जा सकता है

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 27 Dec 2021 07:56 PM IST

सार

अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं को परिवहन सेवाएं मुहैया न कराने के तालिबान के फैसले की पाकिस्तान ने कड़ी आलोचना की है। पाक सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने इसे तालिबान की ‘प्रतिगामी सोच’ बताया है और कहा है कि इससे जीत कर ही प्रगति की रात पर आगे बढ़ा जा सकता है।

पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी
– फोटो : Twitter/@pid_gov

ख़बर सुनें

अफगानिस्तान में भीषण हिंसा के बल पर सत्ता हासिल करने वाले तालिबान की हमेशा तरफदारी करने रहने वाले पाकिस्तान का सोमवार को रुख कुछ बदला नजर आया। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी तालिबान के उस फैसले पर भड़के नजर आए जिसमें उसने महिलाओं के अकेले सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर प्रतिबंध लगाया है। 

तालिबान ने रविवार को कहा था कि अगर लंबी दूरी की यात्रा करने वाली महिलाओं के साथ कोई पुरुष संबंधी नहीं है तो उन्हें परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं कराई जानी चाहिए। चौधरी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि महिलाएं अकेले सफर नहीं कर सकतीं, स्कूल-कॉलेज अकेले नहीं जा सकतीं, ऐसी सोच पाकिस्तान के लिए खतरनाक है।

जिन्ना नहीं चाहते थे पाकिस्तान धार्मिक देश बने: चौधरी
फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी प्रगति की राह खुद बनानी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पाकिस्तान का निर्माण अल्पसंख्यों और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि जिन्ना भी नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान एक धार्मिक राष्ट्र बने। 

चौधरी ने कहा कि जिन्ना की पूरी जीवनशैली उन लोगों से अलग थी जो आज भी उनके नाम का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को एक पिछड़ा देश बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि आज का पाकिस्तान उससे अलग है, जिसके बारे में जिन्ना और मोहम्मद इकबाल ने सोचा था। इसमें प्रतिगामी सोच हावी हो गई जो पतन की ओर ले गई है।

‘प्रतिगामी सोच से जीत कर ही आगे बढ़ा जा सकता है’
उन्होंने कहा कि यह प्रतिगामी सोच पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे जीत कर ही हम या कोई और देश आगे बढ़ सकता है। अफगानिस्तान की सत्ता पर कट्टर इस्लामी संगठन तालिबान ने 15 अगस्त को नियंत्रण हासिल कर लिया था। राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा था और यूएई में शरण लेनी पड़ी थी।

तालिबानी अधिकारियों ने रविवार को कहा था कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाली महिलाओं को तब तक यातायात सुविधा न दी जाए जब तक उनके साथ कोई पुरुष संबंधी मौजूद न हो। इससे पहले वह छात्राओं के स्कूल जाने को लेकर मना कर रहा था। स्कूलों में लड़कियों और पेशेवर महिलाओं को यहां कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

विस्तार

अफगानिस्तान में भीषण हिंसा के बल पर सत्ता हासिल करने वाले तालिबान की हमेशा तरफदारी करने रहने वाले पाकिस्तान का सोमवार को रुख कुछ बदला नजर आया। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी तालिबान के उस फैसले पर भड़के नजर आए जिसमें उसने महिलाओं के अकेले सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर प्रतिबंध लगाया है। 

तालिबान ने रविवार को कहा था कि अगर लंबी दूरी की यात्रा करने वाली महिलाओं के साथ कोई पुरुष संबंधी नहीं है तो उन्हें परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं कराई जानी चाहिए। चौधरी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि महिलाएं अकेले सफर नहीं कर सकतीं, स्कूल-कॉलेज अकेले नहीं जा सकतीं, ऐसी सोच पाकिस्तान के लिए खतरनाक है।

जिन्ना नहीं चाहते थे पाकिस्तान धार्मिक देश बने: चौधरी

फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी प्रगति की राह खुद बनानी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पाकिस्तान का निर्माण अल्पसंख्यों और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि जिन्ना भी नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान एक धार्मिक राष्ट्र बने। 

चौधरी ने कहा कि जिन्ना की पूरी जीवनशैली उन लोगों से अलग थी जो आज भी उनके नाम का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को एक पिछड़ा देश बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि आज का पाकिस्तान उससे अलग है, जिसके बारे में जिन्ना और मोहम्मद इकबाल ने सोचा था। इसमें प्रतिगामी सोच हावी हो गई जो पतन की ओर ले गई है।

‘प्रतिगामी सोच से जीत कर ही आगे बढ़ा जा सकता है’

उन्होंने कहा कि यह प्रतिगामी सोच पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे जीत कर ही हम या कोई और देश आगे बढ़ सकता है। अफगानिस्तान की सत्ता पर कट्टर इस्लामी संगठन तालिबान ने 15 अगस्त को नियंत्रण हासिल कर लिया था। राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा था और यूएई में शरण लेनी पड़ी थी।

तालिबानी अधिकारियों ने रविवार को कहा था कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाली महिलाओं को तब तक यातायात सुविधा न दी जाए जब तक उनके साथ कोई पुरुष संबंधी मौजूद न हो। इससे पहले वह छात्राओं के स्कूल जाने को लेकर मना कर रहा था। स्कूलों में लड़कियों और पेशेवर महिलाओं को यहां कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: