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मुश्किल में 'राजकुमार': यौन उत्पीड़न मुकदमे में प्रिंस एंड्रयू पर जल्द होगा फैसला, नाकाम रही केस खारिज कराने की कोशिश

एजेंसी, न्यूयॉर्क।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 06 Jan 2022 02:36 AM IST

सार

पीड़िता वर्जीनिया ग्रिफ्रे ने आरोप लगाया था कि 2001 में एपस्टीन और गिलैन मैक्सवेल की मदद से प्रिंस एंड्रयू ने उनका यौन शोषण किया था। यौन शोषण के लिए महिलाओं की तस्करी के आरोपी 66 वर्षीय एपस्टीन ने 2019 में मैनहट्टन जेल में आत्महत्या कर ली थी।

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : सोशल मीडिया

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ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस एंड्रयू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ बहुत जल्द फैसला आ सकता है। यौन शोषण के आरोपी प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एंड्रयू के वकील की अधिकतर दलीलों को खारिज कर दिया। इस बहुचर्चित मुकदमे का फैसला बहुत जल्द आ सकता है।

मामले में पीड़िता वर्जीनिया ग्रिफ्रे ने आरोप लगाया कि जब वह 17 साल की थीं तब प्रिंस एंड्रयू ने उसका यौन शोषण किया था। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज लुईस ए कापलान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई खत्म होने पर तुरंत फैसला नहीं सुनाया, लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से प्रिंस के वकील एंड्रयू ब्रेटलर की ज्यादातर दलीलों को खारिज किया, उससे यह स्पष्ट है कि वह एंड्रयू के पक्ष में दी गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हैं।

ब्रेटलर ने दलील दी कि मामला खारिज करने योग्य है, लेकिन जज ने हर बार उनकी दलीलों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि मामले में संभावित सबूतों का आदान-प्रदान निर्धारित समय के अनुसार हो। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2001 में एपस्टीन और गिलैन मैक्सवेल की मदद से प्रिंस ने उनका यौन शोषण किया था। यौन शोषण के लिए महिलाओं की तस्करी के आरोपी 66 वर्षीय एपस्टीन ने 2019 में मैनहट्टन जेल में आत्महत्या कर ली थी।

यौन शोषण मामले में ब्रिटिश महिला गिलैन मैक्सवेल दोषी करार
वहीं, ब्रिटिश महिला गिलैन मैक्सवेल को किशोरियों को बहलाने-फुसलाने का दोषी ठहराया जा चुका है। इन किशोरियों को बहला फुसला कर अमेरिकी करोड़पति और फायनेंसर जेफरी एपस्टीन के पास भेजा जाता था। अमेरिका की एक अदालत में करीब एक महीने तक चली सुनवाई के बाद इस फैसले ने 14 साल की उम्र में यौन शोषण का शिकार हुईं पीड़िताओं को न्याय दिलाया।

इस घटना का खुलासा चार महिलाओं ने किया था, जो 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क और न्यू मैक्सिको में एपस्टीन के महलनुमा घरों में यौन शोषण की शिकार हुई थीं। छह में से पांच मामलों में मैक्सवेल (60) को दोषी ठहराने से पहले न्यायाधीशों ने पूरे पांच दिनों तक विचार-विमर्श किया। इन महिलाओं ने आरोप लगाया था कि एपस्टीन के पास भेजने के लिए मैक्सवेल उन्हें बहलाती-फुसलाती थी।

विस्तार

ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस एंड्रयू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ बहुत जल्द फैसला आ सकता है। यौन शोषण के आरोपी प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एंड्रयू के वकील की अधिकतर दलीलों को खारिज कर दिया। इस बहुचर्चित मुकदमे का फैसला बहुत जल्द आ सकता है।

मामले में पीड़िता वर्जीनिया ग्रिफ्रे ने आरोप लगाया कि जब वह 17 साल की थीं तब प्रिंस एंड्रयू ने उसका यौन शोषण किया था। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज लुईस ए कापलान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई खत्म होने पर तुरंत फैसला नहीं सुनाया, लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से प्रिंस के वकील एंड्रयू ब्रेटलर की ज्यादातर दलीलों को खारिज किया, उससे यह स्पष्ट है कि वह एंड्रयू के पक्ष में दी गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हैं।

ब्रेटलर ने दलील दी कि मामला खारिज करने योग्य है, लेकिन जज ने हर बार उनकी दलीलों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि मामले में संभावित सबूतों का आदान-प्रदान निर्धारित समय के अनुसार हो। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2001 में एपस्टीन और गिलैन मैक्सवेल की मदद से प्रिंस ने उनका यौन शोषण किया था। यौन शोषण के लिए महिलाओं की तस्करी के आरोपी 66 वर्षीय एपस्टीन ने 2019 में मैनहट्टन जेल में आत्महत्या कर ली थी।

यौन शोषण मामले में ब्रिटिश महिला गिलैन मैक्सवेल दोषी करार

वहीं, ब्रिटिश महिला गिलैन मैक्सवेल को किशोरियों को बहलाने-फुसलाने का दोषी ठहराया जा चुका है। इन किशोरियों को बहला फुसला कर अमेरिकी करोड़पति और फायनेंसर जेफरी एपस्टीन के पास भेजा जाता था। अमेरिका की एक अदालत में करीब एक महीने तक चली सुनवाई के बाद इस फैसले ने 14 साल की उम्र में यौन शोषण का शिकार हुईं पीड़िताओं को न्याय दिलाया।

इस घटना का खुलासा चार महिलाओं ने किया था, जो 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क और न्यू मैक्सिको में एपस्टीन के महलनुमा घरों में यौन शोषण की शिकार हुई थीं। छह में से पांच मामलों में मैक्सवेल (60) को दोषी ठहराने से पहले न्यायाधीशों ने पूरे पांच दिनों तक विचार-विमर्श किया। इन महिलाओं ने आरोप लगाया था कि एपस्टीन के पास भेजने के लिए मैक्सवेल उन्हें बहलाती-फुसलाती थी।

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