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महाराष्ट्र : बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बिना लाइसेंस कैब चल रहीं, यह पूरी तरह से गैरकानूनी, चालक 16 मार्च तक करें आवेदन

एजेंसी, मुंबई।
Published by: योगेश साहू
Updated Tue, 08 Mar 2022 06:14 AM IST

सार

सीजेआई दत्ता ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा आखिर आप कर क्या रहे हैं? यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। आप कानून का पालन ही नहीं कर रहे। कानून में स्पष्ट है कि जब तक प्रदेश सरकार के पास नियम नहीं हैं तब तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों को इसका पालन करना होगा।

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने एक आदेश में महाराष्ट्र के उन सभी ओला-उबर कैब चालकों को 16 मार्च तक लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है जिनके पास वैध लाइसेंस नहीं है। कोर्ट ने बिना लाइसेंस के कैब चलाने को पूरी तरह गैरकानूनी ठहराते हुए कहा, अगर सेवाएं जारी रखनी हैं तो कैब चालकों को लाइसेंस बनवाना ही होगा।

चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने हालांकि इस दौरान इस तरह के कैब चालकों को गाड़ी चलाने से नहीं रोका क्योंकि ऐसा करने से रोजाना कैब से सफर करने वाली बड़ी आबादी को मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है। पीठ वकील सवीना क्रास्टो की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में उबर इंडिया एप का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की कमी का मुद्दा उठाया गया था। 

आप क्या कर रहे : सीजेआई
सीजेआई दत्ता ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा आखिर आप कर क्या रहे हैं? यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। आप कानून का पालन ही नहीं कर रहे। कानून में स्पष्ट है कि जब तक प्रदेश सरकार के पास नियम नहीं हैं तब तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों को इसका पालन करना होगा। सीजेआई ने सेवा प्रदाता कंपनियों से भी स्पष्ट कहा, अगर आप नियम का पालन नहीं करोगे तो हम आपकी सेवाएं बंद करने में देर नहीं करेंगे।

विस्तार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने एक आदेश में महाराष्ट्र के उन सभी ओला-उबर कैब चालकों को 16 मार्च तक लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है जिनके पास वैध लाइसेंस नहीं है। कोर्ट ने बिना लाइसेंस के कैब चलाने को पूरी तरह गैरकानूनी ठहराते हुए कहा, अगर सेवाएं जारी रखनी हैं तो कैब चालकों को लाइसेंस बनवाना ही होगा।

चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने हालांकि इस दौरान इस तरह के कैब चालकों को गाड़ी चलाने से नहीं रोका क्योंकि ऐसा करने से रोजाना कैब से सफर करने वाली बड़ी आबादी को मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है। पीठ वकील सवीना क्रास्टो की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में उबर इंडिया एप का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की कमी का मुद्दा उठाया गया था। 

आप क्या कर रहे : सीजेआई

सीजेआई दत्ता ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा आखिर आप कर क्या रहे हैं? यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। आप कानून का पालन ही नहीं कर रहे। कानून में स्पष्ट है कि जब तक प्रदेश सरकार के पास नियम नहीं हैं तब तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों को इसका पालन करना होगा। सीजेआई ने सेवा प्रदाता कंपनियों से भी स्पष्ट कहा, अगर आप नियम का पालन नहीं करोगे तो हम आपकी सेवाएं बंद करने में देर नहीं करेंगे।

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