न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Fri, 17 Dec 2021 12:51 PM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ममता सरकार को नोटिस जारी करते हुए पेगासस मामले में की जा रही जांच पर रोक लगा दी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
– फोटो : पीटीआई
पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को ममता सरकार को नोटिस जारी करते हुए पेगासस मामले में की जा रही जांच पर रोक लगा दी है। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया था। इसे आयोग को पेगासस मामले की जांच करनी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर आयोग के काम को रोकने का आदेश दिया है।
दरअसल, पेगासस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी आयोग गठित किया जा चुका है। कोर्ट ने आयोग गठित करते हुए ममता बनर्जी सरकार से राज्य द्वारा गठित आयोग की जांच को रोकने को कहा था। इस पर ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में अपनी जांच को रोक देगा। हालांकि, कुछ दिनों बाद राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग ने फिर से जांच शुरू कर दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।
भारत-अमेरिका में हुई थी जासूसी
पेगासस तब विवादों में आया था, जब एक रिपोर्ट में सामने आया कि कंपनी ने कई राजनीतिक लोगों, पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का फोन हैक करके उनका डेटा सरकारों को बेचा है। यह सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका व अन्य बड़े देशों में भी होने का आरोप है। हाल ही में पेगासस पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के 11 अधिकारियों के फोन हैक करने के आरोप लगे थे, इसके बाद नवंबर में अमेरिका ने एनएसओ को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में ऐसे करीब 300 मोबाइल नंबर सामने आए थे, जो पेगासस स्पाईवेयर की सूची में शामिल थे। इसमें भारत के कई पत्रकार, राजनेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। संसद में भी पेगासस मामले को लेकर काफी बहस हुई थी।
विस्तार
पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को ममता सरकार को नोटिस जारी करते हुए पेगासस मामले में की जा रही जांच पर रोक लगा दी है। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया था। इसे आयोग को पेगासस मामले की जांच करनी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर आयोग के काम को रोकने का आदेश दिया है।
दरअसल, पेगासस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी आयोग गठित किया जा चुका है। कोर्ट ने आयोग गठित करते हुए ममता बनर्जी सरकार से राज्य द्वारा गठित आयोग की जांच को रोकने को कहा था। इस पर ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में अपनी जांच को रोक देगा। हालांकि, कुछ दिनों बाद राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग ने फिर से जांच शुरू कर दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।
भारत-अमेरिका में हुई थी जासूसी
पेगासस तब विवादों में आया था, जब एक रिपोर्ट में सामने आया कि कंपनी ने कई राजनीतिक लोगों, पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का फोन हैक करके उनका डेटा सरकारों को बेचा है। यह सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका व अन्य बड़े देशों में भी होने का आरोप है। हाल ही में पेगासस पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के 11 अधिकारियों के फोन हैक करने के आरोप लगे थे, इसके बाद नवंबर में अमेरिका ने एनएसओ को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में ऐसे करीब 300 मोबाइल नंबर सामने आए थे, जो पेगासस स्पाईवेयर की सूची में शामिल थे। इसमें भारत के कई पत्रकार, राजनेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। संसद में भी पेगासस मामले को लेकर काफी बहस हुई थी।
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