न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 01 Mar 2022 10:40 PM IST
सार
विशेष सीबीआई न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने जांच एजेंसी को आर्थर रोड जेल में देशमुख का बयान दर्ज करने की अनुमति दी, जहां वह बंद है।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का बयान दर्ज करने की अनुमति दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। विशेष सीबीआई न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने सोमवार को जांच एजेंसी को आर्थर रोड जेल में देशमुख का बयान दर्ज करने की अनुमति दी, जहां वह बंद है।
सीबीआई अधिकारी 3 मार्च से तीन दिनों के लिए उनसे मिल सकते हैं। आर्थर रोड जेल अधीक्षक द्वारा प्रतिनियुक्त एक जेल अधिकारी की उपस्थिति में बयान दर्ज किया जाएगा। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई के कुछ चुनिंदा पुलिस अधिकारियों को रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया लेकिन उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की है।
सचिन वाजे की एक याचिका खारिज
वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के दो आदेशों को चुनौती देने वाले बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे की एक याचिका को खारिज करना चाहती है। व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या और एंटीलिया बम मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद वाजे ने अपनी याचिका में चांदीवाल आयोग द्वारा पारित दो आदेशों की वैधता और औचित्य को चुनौती दी और इसे रद्द करने की मांग की। पैनल के पहले आदेश ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भराम्बे को जांच के लिए बुलाने के लिए वाजे के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। जबकि दूसरे आदेश में आयोग ने उन्हें देशमुख के खिलाफ अपने पहले के बयान को वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने हालांकि कहा कि वह कोई राहत नहीं देना चाहती और कहा कि वह याचिका खारिज कर देगी। वाजे के वकील अनिल अंतूरकर ने तब मांग की कि मामले को बुधवार के लिए टाल दिया जाए ताकि वह वाजे से निर्देश ले सकें कि क्या वह याचिका वापस लेना पसंद करेंगे। इस पर अदालत ने कहा, आप या तो याचिका वापस ले लें या हम इसे सख्ती से खारिज कर दें।
वाजे ने इस साल 21 जनवरी को चांदीवाल आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर कर तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) भराम्बे को आयोग के सामने तलब करने की मांग की थी। भारम्बे ने एक पत्र लिखा था और बाद में 25 मार्च 2021 को एक रिपोर्ट भी लिखी थी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 30 मार्च 2021 को भराम्बे की रिपोर्ट के साथ इस गुप्त पत्र की एक प्रति आयोग के समक्ष पेश की थी। वाजे ने आयोग के समक्ष भराम्बे को बुलाने की मांग करते हुए दावा किया था कि उनकी रिपोर्ट उनके हित के प्रतिकूल है। हालांकि, आयोग ने 24 जनवरी को उनके आवेदन को खारिज कर दिया। 9 फरवरी को वाजे ने एक आवेदन दिया था जिसमें देशमुख के संबंध में अपने बयान को वापस लेने की मांग की गई थी।
विस्तार
मुंबई की एक विशेष अदालत ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का बयान दर्ज करने की अनुमति दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। विशेष सीबीआई न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने सोमवार को जांच एजेंसी को आर्थर रोड जेल में देशमुख का बयान दर्ज करने की अनुमति दी, जहां वह बंद है।
सीबीआई अधिकारी 3 मार्च से तीन दिनों के लिए उनसे मिल सकते हैं। आर्थर रोड जेल अधीक्षक द्वारा प्रतिनियुक्त एक जेल अधिकारी की उपस्थिति में बयान दर्ज किया जाएगा। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई के कुछ चुनिंदा पुलिस अधिकारियों को रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया लेकिन उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की है।
सचिन वाजे की एक याचिका खारिज
वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के दो आदेशों को चुनौती देने वाले बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे की एक याचिका को खारिज करना चाहती है। व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या और एंटीलिया बम मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद वाजे ने अपनी याचिका में चांदीवाल आयोग द्वारा पारित दो आदेशों की वैधता और औचित्य को चुनौती दी और इसे रद्द करने की मांग की। पैनल के पहले आदेश ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भराम्बे को जांच के लिए बुलाने के लिए वाजे के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। जबकि दूसरे आदेश में आयोग ने उन्हें देशमुख के खिलाफ अपने पहले के बयान को वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने हालांकि कहा कि वह कोई राहत नहीं देना चाहती और कहा कि वह याचिका खारिज कर देगी। वाजे के वकील अनिल अंतूरकर ने तब मांग की कि मामले को बुधवार के लिए टाल दिया जाए ताकि वह वाजे से निर्देश ले सकें कि क्या वह याचिका वापस लेना पसंद करेंगे। इस पर अदालत ने कहा, आप या तो याचिका वापस ले लें या हम इसे सख्ती से खारिज कर दें।
वाजे ने इस साल 21 जनवरी को चांदीवाल आयोग के समक्ष एक आवेदन दायर कर तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) भराम्बे को आयोग के सामने तलब करने की मांग की थी। भारम्बे ने एक पत्र लिखा था और बाद में 25 मार्च 2021 को एक रिपोर्ट भी लिखी थी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 30 मार्च 2021 को भराम्बे की रिपोर्ट के साथ इस गुप्त पत्र की एक प्रति आयोग के समक्ष पेश की थी। वाजे ने आयोग के समक्ष भराम्बे को बुलाने की मांग करते हुए दावा किया था कि उनकी रिपोर्ट उनके हित के प्रतिकूल है। हालांकि, आयोग ने 24 जनवरी को उनके आवेदन को खारिज कर दिया। 9 फरवरी को वाजे ने एक आवेदन दिया था जिसमें देशमुख के संबंध में अपने बयान को वापस लेने की मांग की गई थी।
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