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बीजिंग ओलंपिक: राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा अमेरिका, राष्ट्रपति बाइडन ने की पुष्टि

एएनआई, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 19 Nov 2021 03:49 AM IST

सार

अमेरिका चीन के बीजिंग शहर में होने वाले ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा है। इससे पहले यूरोपियन संसद में बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का एलान किया जा चुका है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन।
– फोटो : ANI

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अगले साल यानी 2022 में चीन के बीजिंग नें शीतकालीन ओलंपिक खेल होने हैं। ओलंपिक खेलों की शुरूआत में 100 दिन से भी कम समय बचा है। वहीं दूसरी ओर बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। अब अमेरिका भी चीन के बीजिंग शहर में होने वाले ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा है।

अमेरिका करेगा राजनयिक बहिष्कार 
एएफपी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वे बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले यूरोपियन संसद में बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का एलान किया जा चुका है। कई खिलाड़ी भी मुखर होकर इसके बहिष्कार को लेकर आवाज उठा चुके हैं। 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जल्द ही अपने देश के अधिकारियों को खेलों में नहीं भेजने की सिफारिश को मंजूरी देनी की उम्मीद है। व्हाइट हाउस की तरफ से आमतौर पर ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाता है। अमेरिका में शीर्ष सांसदों द्वारा भी राजनयिक बहिष्कार का आह्वान किया गया है।

एनबीए बास्केटबॉल खिलाड़ी और मुखर मानवाधिकार अधिवक्ता एनेस कनेटर बहिष्कार का आह्वान करने वाली नवीनतम हाई-प्रोफाइल लोगों में से एक हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि आज इसे देखने वाले सभी स्वतंत्रता समर्थकों को मेरा संदेश है। हम एक साथ मजबूत हैं। हम सभी को #StandWithTaiwan करना चाहिए, इवान का समर्थन करें, और लोकतंत्र की रक्षा करें। हमें ताइवान को स्वतंत्र और सुरक्षित रखना चाहिए। ताइवान, ताइवान के लोगों का है!

यूरोपियन संसद ने किया बहिष्कार का एलान
मामले पर यूरोपीय संसद के सांसदों ने सहमति जताते हुए कहा कि हमें चीन के मानवाधिकारों के हनन के कारण बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले निमंत्रण को अस्वीकार करना चाहिए। इसके साथ ही ईयू सांसदों ने अपनी सरकारों से मांग करते हुए उइगर मुसलमानों को लेकर चीन के व्यवहार पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की बात भी कही। 

इससे पहले कब हुआ ओलंपिक खेलों का बहिष्कार
इससे पहले छह ओलंपिक खेलों ने बहिष्कार और कम देशों की भागीदारी झेली है। 1956 (मेलबर्न), 1964 (टोक्यो), 1976 (मॉन्ट्रियल), 1980 (मॉस्को), 1984 (लॉस एंजिल्स) और 1988 (सियोल) में युद्ध, आक्रमण और रंगभेद जैसे कारणों से विभिन्न देशों ने ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया था।

विस्तार

अगले साल यानी 2022 में चीन के बीजिंग नें शीतकालीन ओलंपिक खेल होने हैं। ओलंपिक खेलों की शुरूआत में 100 दिन से भी कम समय बचा है। वहीं दूसरी ओर बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। अब अमेरिका भी चीन के बीजिंग शहर में होने वाले ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा है।

अमेरिका करेगा राजनयिक बहिष्कार 

एएफपी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वे बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले यूरोपियन संसद में बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का एलान किया जा चुका है। कई खिलाड़ी भी मुखर होकर इसके बहिष्कार को लेकर आवाज उठा चुके हैं। 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जल्द ही अपने देश के अधिकारियों को खेलों में नहीं भेजने की सिफारिश को मंजूरी देनी की उम्मीद है। व्हाइट हाउस की तरफ से आमतौर पर ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाता है। अमेरिका में शीर्ष सांसदों द्वारा भी राजनयिक बहिष्कार का आह्वान किया गया है।

एनबीए बास्केटबॉल खिलाड़ी और मुखर मानवाधिकार अधिवक्ता एनेस कनेटर बहिष्कार का आह्वान करने वाली नवीनतम हाई-प्रोफाइल लोगों में से एक हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि आज इसे देखने वाले सभी स्वतंत्रता समर्थकों को मेरा संदेश है। हम एक साथ मजबूत हैं। हम सभी को #StandWithTaiwan करना चाहिए, इवान का समर्थन करें, और लोकतंत्र की रक्षा करें। हमें ताइवान को स्वतंत्र और सुरक्षित रखना चाहिए। ताइवान, ताइवान के लोगों का है!

यूरोपियन संसद ने किया बहिष्कार का एलान

मामले पर यूरोपीय संसद के सांसदों ने सहमति जताते हुए कहा कि हमें चीन के मानवाधिकारों के हनन के कारण बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले निमंत्रण को अस्वीकार करना चाहिए। इसके साथ ही ईयू सांसदों ने अपनी सरकारों से मांग करते हुए उइगर मुसलमानों को लेकर चीन के व्यवहार पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की बात भी कही। 

इससे पहले कब हुआ ओलंपिक खेलों का बहिष्कार

इससे पहले छह ओलंपिक खेलों ने बहिष्कार और कम देशों की भागीदारी झेली है। 1956 (मेलबर्न), 1964 (टोक्यो), 1976 (मॉन्ट्रियल), 1980 (मॉस्को), 1984 (लॉस एंजिल्स) और 1988 (सियोल) में युद्ध, आक्रमण और रंगभेद जैसे कारणों से विभिन्न देशों ने ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया था।

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