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बाय-बाय बीजिंग : शीतकालीन खेलों का रंगारंग समापन समारोह, 17 दिन में हुआ 109 स्वर्ण पदकों का फैसला

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 21 Feb 2022 04:10 AM IST

सार

इन खेलों का पहला स्वर्ण पदक नॉर्वे की थेरेस जोहाग ने स्कायथलान में जीता था। उन्होंने तीन स्वर्ण पदक जीते। तीसरा स्वर्ण 30 किमी मास स्टार्ट फ्री इवेंट में जीता।

बीजिंग ओलंपिक्स 2022
– फोटो : सोशल मीडिया

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विस्तार

17 दिन की स्पर्धाओं में 109 स्वर्ण पदकों के निर्णय के बाद बीजिंग में शीतकालीन खेलों का रंगारंग समापन हो गया। वैश्विक एकता की थीम पर चीन ने अपनी संस्कृति और भव्यता की झलक पेश की। रंग, तकनीक, परंपरा और आतिशबाजी के बीच कलाकारों ने शानदार छटा बिखेरी। 

2026 में अगले शीतकालीन खेलों के मेजबान इटली के शहर मिलान और कोर्टिनो होंगे। समापन समारोह में मिलान कोर्टिनो ने भी अपनी प्रस्तुति दी। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बॉक ने खेलों के समापन की घोषणा की। इस बार शीतकालीन ओलंपिक में 2871 एथलीटों ने भाग लिया। 

इसके अलावा बीजिंग पहला शहर बना जिसने ग्रीष्मकालीन (2008) के बाद शीतकालीन ओलंपिक की भी मेजबानी की। अगले आयोजन वाले इटली के मिलान और कोर्टिना को अधिकृत रूप से मिलानो कोर्टिना कहा जाएगा। 

चार स्वर्ण के साथ बोए सबसे सफल 

नॉर्वे के जोहानेस थिंगनेस बोए इन खेलों के सबसे सफल एथलीट रहे जिन्होंने बायथलान में चार स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता। उनके भाई तेरजेई ने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। 

आइस हॉकी में मिला अंतिम स्वर्ण

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में अंतिम स्वर्ण का निर्णय आइस हॉकी के जरिये हुआ। फिनलैंड ने रूसी ओलंपिक समिति को पुरुष वर्ग में 2-1 से हराकर ये स्वर्ण अपने नाम किया। 

पहला गोल्ड जीता था नॉर्वे की थेरेस ने

इन खेलों का पहला स्वर्ण पदक नॉर्वे की थेरेस जोहाग ने स्कायथलान में जीता था। उन्होंने तीन स्वर्ण पदक जीते। तीसरा स्वर्ण 30 किमी मास स्टार्ट फ्री इवेंट में जीता। वह पिछले शीतकालीन खेलों में हिस्सा नहीं ले सकी थीं क्योंकि उन डोपिंग में विफल होने पर 18 महीने का प्रतिबंध लगा था। 

अलेक्जेंडर की गोल्डन हैट्रिक

रूस के अलेक्जेंडर बोलशुनोव ने पुरुषों की क्रॉस कंट्री स्कीइंग में चैंपियन बनकर इन खेलों में अपना तीसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। 

कामिला का विवाद

इन खेलों में 15 साल की रूस की कामिला वेलिवा का विवाद भी जुड़ा। कामिला उस रूसी ओलंपिक समिति स्केटिंग टीम की हिस्सा थी जिसने स्वर्ण पदक भी जीता लेकिन इस बीच दिसंबर में लिए उनके डोप परीक्षण की पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आने से पदक समारोह जांच पूरी न होने तक रोक दिया गया। बाद में उन्हें अव्यस्क होने के कारण आगे स्पर्धाओं में भाग लेने की अनुमति दी गई लेकिन एकल स्पर्धा में वह चौथे स्थान पर रहीं।

 

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