बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 16 Apr 2022 09:47 AM IST
सार
बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए कुल 5.88 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। यहां बता दें कि यह बीते छह साल का निचला स्तर है। इससे पहले वित्त वर्ष 2015-16 के बाद से सबसे कम है। उस वित्त वर्ष बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने इस माध्यम से कुल 4.58 लाख करोड़ रुपये का फंड इकठ्ठा किया था।
वित्त वर्ष 2021-22 में बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए कुल 5.88 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। यहां बता दें कि यह बीते छह साल का निचला स्तर है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कारण शेयर बाजार का बेहतर प्रदर्शन और बैंकों द्वारा कम ब्याज पर लोन मुहैया कराना रहा है।
बीते वित्त वर्ष से 24 फीसदी कम
पूंजी एवं बाजार नियामक सेबी की आर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है। वित्त वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई राशि, इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जुटाई गई राशि से 24 फीसदी कम है। उस वर्ष इन बॉन्ड से 7.72 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर्ज के जरिए फंड जुटाने की गतिविधियां तेज हो सकती है। आर्थिक परिदृश्य में सुधार को देखते हुए कॉर्पोरेट्स से क्रेडिट की डिमांड में भी इजाफा होगा।
2015-16 के बाद सबसे कम फंड
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 21-22 में कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए जुटाया गया कुल फंड वित्त वर्ष 2015-16 के बाद से सबसे कम है। उस वित्त वर्ष बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने इस माध्यम से कुल 4.58 लाख करोड़ रुपये का फंड इकठ्ठा किया था। इस बीच बता दें कि वित्त वर्ष 22 में कुल 1,405 इश्यू आए, जबकि इससे पहले 2020-21 में यह संख्या 1,995 रही थी।
क्या होते हैं कॉरपोरेट बॉन्ड?
बता दें कि कंपनियों को जब फंड की आवश्यकता होती है तो इसे जुटाने के लिए वे कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करती हैं। इस पर निवेशकों को फिक्स्ड रिटर्न मिलता है। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ऐसे डेट म्यूचुअल फंड स्कीम होते हैं, जो कि कॉरपोरेट बॉन्ड या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में निवेश करते हैं। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड मुख्य तौर पर सर्वोच्च गुणवत्ता वाले साधनों में निवेश करते हैं।
विस्तार
वित्त वर्ष 2021-22 में बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए कुल 5.88 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। यहां बता दें कि यह बीते छह साल का निचला स्तर है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कारण शेयर बाजार का बेहतर प्रदर्शन और बैंकों द्वारा कम ब्याज पर लोन मुहैया कराना रहा है।
बीते वित्त वर्ष से 24 फीसदी कम
पूंजी एवं बाजार नियामक सेबी की आर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है। वित्त वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई राशि, इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जुटाई गई राशि से 24 फीसदी कम है। उस वर्ष इन बॉन्ड से 7.72 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर्ज के जरिए फंड जुटाने की गतिविधियां तेज हो सकती है। आर्थिक परिदृश्य में सुधार को देखते हुए कॉर्पोरेट्स से क्रेडिट की डिमांड में भी इजाफा होगा।
2015-16 के बाद सबसे कम फंड
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 21-22 में कॉरपोरेट बॉन्ड के जरिए जुटाया गया कुल फंड वित्त वर्ष 2015-16 के बाद से सबसे कम है। उस वित्त वर्ष बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों ने इस माध्यम से कुल 4.58 लाख करोड़ रुपये का फंड इकठ्ठा किया था। इस बीच बता दें कि वित्त वर्ष 22 में कुल 1,405 इश्यू आए, जबकि इससे पहले 2020-21 में यह संख्या 1,995 रही थी।
क्या होते हैं कॉरपोरेट बॉन्ड?
बता दें कि कंपनियों को जब फंड की आवश्यकता होती है तो इसे जुटाने के लिए वे कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करती हैं। इस पर निवेशकों को फिक्स्ड रिटर्न मिलता है। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ऐसे डेट म्यूचुअल फंड स्कीम होते हैं, जो कि कॉरपोरेट बॉन्ड या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में निवेश करते हैं। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड मुख्य तौर पर सर्वोच्च गुणवत्ता वाले साधनों में निवेश करते हैं।
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