बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Mon, 24 Jan 2022 05:29 AM IST
सार
भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि मौजूदा कोविड-19 लहर में अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या अधिक नहीं है। ऐसे में उद्योग जगत को लगता है कि महामारी संबंधी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं ताकि कारोबारी गतिविधियों में तेजी आए और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती से पटरी पर लौटाने की प्रक्रिया जारी रहे।
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विस्तार
सीआईआई ने कहा कि ओमिक्रॉन स्वरूप के कारण अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। इसलिए राज्य सरकारें आर्थिक गतिविधियों पर कोरोना के कारण लगाई गईं पाबंदियां हटाएं।
उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने कहा, सरकार को सुझाव है कि एक फीसदी अनिवार्य सीएसआर कोष टीकाकरण के लिए रखने का प्रावधान किया जाए। 2022-23 के लिए बजट में अतिरिक्त एक फीसदी शुल्क 12 महीने की अवधि के लिए सीएसआर आवश्यकताओं में जोड़ा जा सकता है ताकि सभी आयु वर्ग के लोगों को एहतियाती खुराक उपलब्ध करवाई जा सके। एजेंसी
पाबंदियां हटाएं सरकारें
भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि मौजूदा कोविड-19 लहर में अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या अधिक नहीं है। ऐसे में उद्योग जगत को लगता है कि महामारी संबंधी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं ताकि कारोबारी गतिविधियों में तेजी आए और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती से पटरी पर लौटाने की प्रक्रिया जारी रहे।
तैयार उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग
घरेलू अप्लायंसेज एंड कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने वित्त मंत्री से बजट में अलग-अलग समर्थन की मांग की। उद्योग ने कहा कि सरकार को तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ा देना चाहिए। इससे आयात को बढ़ावा नहीं मिलेगा और घरेलू विनिर्माताओं को फायदा होगा।
इसके अलावा, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत घरेलू कंपनियों के लिए शोध एवं अनुसंधान पर प्रोस्ताहन की घोषणा करने की मांग की गई है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संघ ने कहा कि करीब 75,000 करोड़ का उद्योग कुछ ऐसे फैसलों की उम्मीद कर रहा है जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे।