Business

रघुराम राजन की सरकार को सलाह: भारतीय अर्थव्यवस्था में 'कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे', फूंक फूंक कर उठाएं कदम

रघुराम राजन की सरकार को सलाह: भारतीय अर्थव्यवस्था में 'कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे', फूंक फूंक कर उठाएं कदम

पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 23 Jan 2022 11:57 AM IST

सार

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा है कि सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था की K-शेप रिकवरी रोकने के लिए और भी उपयुक्त कदम उठाने की जरूरत है। 
 

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन
– फोटो : Getty Images – file

ख़बर सुनें

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने रविवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे’ हैं और सरकार को अपने खर्च को सावधानीपूर्वक लक्षित करना चाहिए ताकि कोई बड़ा घाटा न हो। अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाने वाले, राजन ने यह भी कहा कि सरकार को कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की K- शेप रिकवरी को रोकने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। आम तौर पर, K-शेप की रिकवरी एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है जहां प्रौद्योगिकी और बड़ी पूंजी फर्म छोटे व्यवसायों और उद्योगों की तुलना में कहीं अधिक तेज दर से खुद को रिकवर करते हैं जो कि महामारी से काफी प्रभावित हुए हैं।

मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मध्यम क्षेत्र हैं: रघुराम राजन
समाचार एजेंसी पीटीआई को साक्षात्कार देते हुए राजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मध्यम क्षेत्र हैं, जो सभी मांग में कमी के कारण काफी प्रभावित हो सकते हैं। इन्हें उबारने के लिए सरकार को और उपयुक्त कदम उठाने होंगे।

आईटी सेक्टर चमकीले धब्बे तो बेरोजगारी और कम खरीद शक्ति काले धब्बे
उन्होंने कहा कि देश में कुछ फर्म कोरोना काल में भी तेजी से उभरा जो कि देश के लिए चमकीले धब्बे के रूप में स्थापित हुए। इनमें आईटी सेक्टर ने कमाल किया और मुनाफेदार व्यवसाय किया। इसके अलावा इनमें यूनिकॉर्न का उदय और वित्तीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों की ताकत शामिल हैं। लेकिन दूसरी ओर बेरोजगारी और कम खरीद शक्ति की सीमा काल धब्बे के रूप में देश में लक्षित हुए। विशेष रूप से निम्न मध्यम वर्ग, वित्तीय तनाव, छोटे और मध्यम आकार  के फर्म भी इसी कैटेगरी में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बहुत ही कमजोर क्रेडिट वृद्धि  के अलावा हमारी स्कूली शिक्षा की स्थिति बेहद दुखद है।

विस्तार

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने रविवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे’ हैं और सरकार को अपने खर्च को सावधानीपूर्वक लक्षित करना चाहिए ताकि कोई बड़ा घाटा न हो। अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाने वाले, राजन ने यह भी कहा कि सरकार को कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की K- शेप रिकवरी को रोकने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। आम तौर पर, K-शेप की रिकवरी एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है जहां प्रौद्योगिकी और बड़ी पूंजी फर्म छोटे व्यवसायों और उद्योगों की तुलना में कहीं अधिक तेज दर से खुद को रिकवर करते हैं जो कि महामारी से काफी प्रभावित हुए हैं।

मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मध्यम क्षेत्र हैं: रघुराम राजन

समाचार एजेंसी पीटीआई को साक्षात्कार देते हुए राजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मध्यम क्षेत्र हैं, जो सभी मांग में कमी के कारण काफी प्रभावित हो सकते हैं। इन्हें उबारने के लिए सरकार को और उपयुक्त कदम उठाने होंगे।

आईटी सेक्टर चमकीले धब्बे तो बेरोजगारी और कम खरीद शक्ति काले धब्बे

उन्होंने कहा कि देश में कुछ फर्म कोरोना काल में भी तेजी से उभरा जो कि देश के लिए चमकीले धब्बे के रूप में स्थापित हुए। इनमें आईटी सेक्टर ने कमाल किया और मुनाफेदार व्यवसाय किया। इसके अलावा इनमें यूनिकॉर्न का उदय और वित्तीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों की ताकत शामिल हैं। लेकिन दूसरी ओर बेरोजगारी और कम खरीद शक्ति की सीमा काल धब्बे के रूप में देश में लक्षित हुए। विशेष रूप से निम्न मध्यम वर्ग, वित्तीय तनाव, छोटे और मध्यम आकार  के फर्म भी इसी कैटेगरी में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बहुत ही कमजोर क्रेडिट वृद्धि  के अलावा हमारी स्कूली शिक्षा की स्थिति बेहद दुखद है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: