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अबू धाबी हमला: यूएई में निजी ड्रोन पर प्रतिबंध, हमले में जान गंवाने वाले भारतीयों का पंजाब में अंतिम संस्कार

एजेंसी, दुबई।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 24 Jan 2022 04:45 AM IST

सार

आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए यूएई के गृह मंत्रालय ने 22 जनवरी से देश में निजी  लोगों के ड्रोन और हल्के खेल विमानों उड़ाने पर रोक लगाने का आदेश दिया जारी कर दिया है।

यूएई में निजी ड्रोन पर प्रतिबंध (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला

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अबू धाबी में हूती विद्रोहियों की तरफ से किए गए ड्रोन हमले के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकार ने देश में निजी ड्रोन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस हमले में दो भारतीयों और एक पाकिस्तानी की मौत हुई थी, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए थे। हमले में मृत भारतीयों का शनिवार को पंजाब में अंतिम संस्कार हुआ।

दूसरी ओर, आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए यूएई के गृह मंत्रालय ने 22 जनवरी से देश में निजी  लोगों के ड्रोन और हल्के खेल विमानों उड़ाने पर रोक लगाने का आदेश दिया जारी कर दिया है।

यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी वाम ने गृह मंत्रालय से जारी आदेश के हवाले से बताया कि यह निर्णय हाल ही में देखे गए ड्रोन के दुरुपयोग के मद्देनजर लिया गया है। हालांकि, खेल के तौर पर इनका निर्धारित क्षेत्र में चिह्नित उपयोगकर्ताओं की तरफ से इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रतिबंध का मकसद ड्रोन के जरिये ताकझांक व घुसपैठ जैसे संभावित खतरों को रोकना है।

विस्तार

अबू धाबी में हूती विद्रोहियों की तरफ से किए गए ड्रोन हमले के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सरकार ने देश में निजी ड्रोन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस हमले में दो भारतीयों और एक पाकिस्तानी की मौत हुई थी, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए थे। हमले में मृत भारतीयों का शनिवार को पंजाब में अंतिम संस्कार हुआ।

दूसरी ओर, आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए यूएई के गृह मंत्रालय ने 22 जनवरी से देश में निजी  लोगों के ड्रोन और हल्के खेल विमानों उड़ाने पर रोक लगाने का आदेश दिया जारी कर दिया है।

यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी वाम ने गृह मंत्रालय से जारी आदेश के हवाले से बताया कि यह निर्णय हाल ही में देखे गए ड्रोन के दुरुपयोग के मद्देनजर लिया गया है। हालांकि, खेल के तौर पर इनका निर्धारित क्षेत्र में चिह्नित उपयोगकर्ताओं की तरफ से इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रतिबंध का मकसद ड्रोन के जरिये ताकझांक व घुसपैठ जैसे संभावित खतरों को रोकना है।

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