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पाकिस्तान में सिख की हत्या: संयुक्त राष्ट्र को लिखा गया पत्र, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 16 Feb 2022 02:45 PM IST

सार

संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषतौर पर हिंदुओं और सिखों के प्रति अत्याचार बढ़ रहे हैं। इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले जारी हैं। एक दिन पहले यहां पेशावर में पपिंदर सिंह नाम के एक स्थानीय सिख की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसके अलवा अन्य सिख राहगीरों को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। बाद में सामने आया कि सिख व्यक्ति हकीम था। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएस-केपी के होने का मामला सामने आया। इसके बाद इंडियन वर्ल्ड फोरम की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखा गया है। 

इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ रह हमलों पर हस्पक्षेप की मांग की है। गुटेरस ने कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 

हिंदुओं और सिखों के प्रति ज्यादा अपराध 
पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा अल्पसंख्या हिंदू या फिर सिख हैं। इन्हीं के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं। इसका एक कारण इस समुदाय का भारत से लगाव है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी  हिंदू व सिख की सुरक्षा सुनश्चित कराई जाए। चंडाके ने आराेप लगाया कि पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों के प्रति अत्याचार के मामले पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से बढ़ रहे हैं। 

लगातार होते रहे हैं हमले
पाकिस्तान में 2010 में, पेशावर के मूल निवासी जसपाल सिंह का अपहरण कर लिया गया था और उनका सिर काट दिया गया था। 2016 में, खैबर पख्तूनख्वा से प्रांतीय विधानसभा के सदस्य और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्ण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 2018 में पेशावर के एक स्थानीय सिख नेता चरणजीत सिंह सागर की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा पिछले साल फिर से पेशावर में ही एक सिख हकीम सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

श्रीलंकाई नागरिक की भी हुई थी हत्या 
पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले होते रहे हैं। इससे पहले यहां के सियालकोट में एक श्रीलंकाई नागरिक की भी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे आम नागरिक ही थे। भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक को एक फैक्टरी ने निकालकर मार दिया था। इसके बाद काफी बवाल हुआ था। 

क्रूरता की हदें पार 
14 फरवरी को पंजाब में खानेवाल जिले के डेरावाला गांव में भी कट्टरपंथियों की भीड़ ने क्रूरता की हदें पार कर दी थीं। यहां पर कुरान की बेअदबी के नाम पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। भीड़ ने कुरान के पन्ने फाड़कर जलाने के आरोप में एक व्यक्ति को पहले पत्थरों से मारा और फिर उसे पेड़ से बांध दिया। इसके बाद उसे तब तक पत्थरों से मारा गया, जब तक उसकी जान नहीं चली गई। 

विस्तार

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले जारी हैं। एक दिन पहले यहां पेशावर में पपिंदर सिंह नाम के एक स्थानीय सिख की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसके अलवा अन्य सिख राहगीरों को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। बाद में सामने आया कि सिख व्यक्ति हकीम था। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएस-केपी के होने का मामला सामने आया। इसके बाद इंडियन वर्ल्ड फोरम की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखा गया है। 

इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ रह हमलों पर हस्पक्षेप की मांग की है। गुटेरस ने कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 

हिंदुओं और सिखों के प्रति ज्यादा अपराध 

पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा अल्पसंख्या हिंदू या फिर सिख हैं। इन्हीं के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं। इसका एक कारण इस समुदाय का भारत से लगाव है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी  हिंदू व सिख की सुरक्षा सुनश्चित कराई जाए। चंडाके ने आराेप लगाया कि पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों के प्रति अत्याचार के मामले पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से बढ़ रहे हैं। 

लगातार होते रहे हैं हमले

पाकिस्तान में 2010 में, पेशावर के मूल निवासी जसपाल सिंह का अपहरण कर लिया गया था और उनका सिर काट दिया गया था। 2016 में, खैबर पख्तूनख्वा से प्रांतीय विधानसभा के सदस्य और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्ण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 2018 में पेशावर के एक स्थानीय सिख नेता चरणजीत सिंह सागर की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा पिछले साल फिर से पेशावर में ही एक सिख हकीम सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

श्रीलंकाई नागरिक की भी हुई थी हत्या 

पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले होते रहे हैं। इससे पहले यहां के सियालकोट में एक श्रीलंकाई नागरिक की भी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे आम नागरिक ही थे। भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक को एक फैक्टरी ने निकालकर मार दिया था। इसके बाद काफी बवाल हुआ था। 

क्रूरता की हदें पार 

14 फरवरी को पंजाब में खानेवाल जिले के डेरावाला गांव में भी कट्टरपंथियों की भीड़ ने क्रूरता की हदें पार कर दी थीं। यहां पर कुरान की बेअदबी के नाम पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। भीड़ ने कुरान के पन्ने फाड़कर जलाने के आरोप में एक व्यक्ति को पहले पत्थरों से मारा और फिर उसे पेड़ से बांध दिया। इसके बाद उसे तब तक पत्थरों से मारा गया, जब तक उसकी जान नहीं चली गई। 

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