सार
वसीम इस मामले में अकेला आरोपी था और उसे 2019 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
ऑनर किलिंग के मामले में सोशल मीडिया सेलिब्रिटी कंदील बलूच के कत्ल के आरोप में 2019 में उम्रकैद की सजा पाने वाले उसके भाई को माता-पिता द्वारा देश के इस्लामी कानून के तहत माफ करने के बाद हत्या से बरी कर दिया गया है। मुहम्मद वसीम को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। वसीम ने अपनी बहन 26 वर्षीय फौजिया अज़ीम जिसे सोशल मीडिया सेलिब्रिटी कंदील बलूच के रूप में जाना जाता था, फेसबुक पर आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट करने और परिवार को अपमानित करने के लिए गला घोंट कर मार डाला था।
2019 में मिली थी उम्रकैद
वसीम इस मामले में अकेला आरोपी था और उसे 2019 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बलूच के छोटे भाई असलम शाहीन, उसके चचेरे भाई हक नवाज और मौलवी मुफ्ती अब्दुल कवी सहित अन्य संदिग्धों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। वसीम ने बाद में सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
बलूच के माता-पिता ने सोमवार को अपने बेटे को बरी करने के लिए उसे माफ कर दिया। अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि वे (माता-पिता) वसीम के खिलाफ अपने पहले के बयानों से मुकर गए थे, जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह उनकी बेटी की हत्या में शामिल था। अधिकारी ने कहा कि एलएचसी मुल्तान पीठ के न्यायमूर्ति सोहेल नासिर ने अभियोजन पक्ष के सभी 35 गवाहों के मुकर जाने और कंदील के कानूनी वारिसों (माता-पिता) द्वारा क्षमादान दिए जाने के मद्देनजर फैसला सुनाया।
वसीम ने 2016 में अपने लिखित बयान में कहा था कि कंदील ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो और बयानों से बलूच नाम और उसके परिवार का अपमान किया। मौलवी कवी पर वसीम को अपनी बहन की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर उसका मजाक उड़ाया था।
विस्तार
ऑनर किलिंग के मामले में सोशल मीडिया सेलिब्रिटी कंदील बलूच के कत्ल के आरोप में 2019 में उम्रकैद की सजा पाने वाले उसके भाई को माता-पिता द्वारा देश के इस्लामी कानून के तहत माफ करने के बाद हत्या से बरी कर दिया गया है। मुहम्मद वसीम को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। वसीम ने अपनी बहन 26 वर्षीय फौजिया अज़ीम जिसे सोशल मीडिया सेलिब्रिटी कंदील बलूच के रूप में जाना जाता था, फेसबुक पर आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट करने और परिवार को अपमानित करने के लिए गला घोंट कर मार डाला था।
2019 में मिली थी उम्रकैद
वसीम इस मामले में अकेला आरोपी था और उसे 2019 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बलूच के छोटे भाई असलम शाहीन, उसके चचेरे भाई हक नवाज और मौलवी मुफ्ती अब्दुल कवी सहित अन्य संदिग्धों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। वसीम ने बाद में सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
बलूच के माता-पिता ने सोमवार को अपने बेटे को बरी करने के लिए उसे माफ कर दिया। अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि वे (माता-पिता) वसीम के खिलाफ अपने पहले के बयानों से मुकर गए थे, जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह उनकी बेटी की हत्या में शामिल था। अधिकारी ने कहा कि एलएचसी मुल्तान पीठ के न्यायमूर्ति सोहेल नासिर ने अभियोजन पक्ष के सभी 35 गवाहों के मुकर जाने और कंदील के कानूनी वारिसों (माता-पिता) द्वारा क्षमादान दिए जाने के मद्देनजर फैसला सुनाया।
वसीम ने 2016 में अपने लिखित बयान में कहा था कि कंदील ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो और बयानों से बलूच नाम और उसके परिवार का अपमान किया। मौलवी कवी पर वसीम को अपनी बहन की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर उसका मजाक उड़ाया था।
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