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इमरान का चीन प्रेम: उइगर मुस्लिमों पर फिर आंख मूंद गए मुसलमानों के 'कथित' मसीहा, बोले- स्थिति वैसी भी नहीं

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 14 Feb 2022 08:26 AM IST

सार

उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों पर आंख मूंद लेने वाले इमरान खान की अपनी मजबूरी है। दरअसल, पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में चीन पर आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य रूप से निर्भर हो चुका है। आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान की यह निर्भरता बढ़ती ही जा रही है।

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दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा बनने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन में उइगर मुस्लिमों के मसले पर अक्सर चुप दिखाई देते हैं। यहां पर उनका दोहरा चरित्र सबके सामने आ जाता है। एक बार फिर इमरान खान ने आंख मूंदते हुए झिंजियांग में उइगर मुसलमानों के मसले पर चीन का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने जैसा दिखाया है, उइगर मुसलमानों की स्थिति वैसी नहीं है। 

एक साक्षात्कार के दौरान इमरान खान ने अपने सहयोगी चीन का बचाव करते हुए कहा कि चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइनुल हक ने झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने बताया कि यहां की स्थिति वैसी नहीं है, जैसी पश्चिमी मीडिया द्वारा चित्रित की गई है। 

क्यों आंख मूंद कर चीन का समर्थन कर रहे इमरान 
दरअसल, चीन में ओलंपिक होने जा रहे हैं। हालांकि, इससे पहले पश्चिमी देशों ने उइगर मुसलमानों के शोषण को लेकर चीन को घेरना शुरू कर दिया है। ऐसे में बीजिंग ने अपने सहयोगी देश पाकिस्तान से इस मसले पर समर्थन मांगा था, जिसके बाद उइगर मुसलमानों के दमन और शोषण के बाद भी इमरान आंख मूंद कर चीन का समर्थन  कर रहे हैं। इसके पीछे पाकिस्तान का चीन पर आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य निर्भरता है। दरअसल, आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान चीन पर बहुत हद तक निर्भर हो चुका है। उसने चीन से बड़ा कर्ज भी ले रखा है। 

वैश्विक समुदाय कर चुका है कार्रवाई की मांग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उइगर मुसलमानों पर चीन का समर्थन ऐसे समय पर किया है, जब वैश्विक समुदाय इस मसले पर चीन पर कार्रवाई की मांग कर चुका है। दरअसल, 243 वैश्विक समूहों ने मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया था।

भारत पर टिप्पणी से बाज नहीं आए इमरान 
उइगर मुसलमानों के साथ चीन के व्यवहार के बारे में सवाल पर इमरान खान ने भारत की ओर इशारा किया। कहा कि, भारत द्वारा कश्मीर में निर्दोष लोगों का नरसंहार करने की पाकिस्तान की निंदा और झिंजियांग मुद्दे की तुलना उचित नहीं है। कश्मीर, पाकिस्तान और भारत के बीच एक विवादित क्षेत्र है और भारत पर आरएसएस की विचारधारा का शासन है। जब तक कश्मीर मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तब तक दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध की आशंका बनी रहेगी।

विस्तार

दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा बनने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन में उइगर मुस्लिमों के मसले पर अक्सर चुप दिखाई देते हैं। यहां पर उनका दोहरा चरित्र सबके सामने आ जाता है। एक बार फिर इमरान खान ने आंख मूंदते हुए झिंजियांग में उइगर मुसलमानों के मसले पर चीन का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने जैसा दिखाया है, उइगर मुसलमानों की स्थिति वैसी नहीं है। 

एक साक्षात्कार के दौरान इमरान खान ने अपने सहयोगी चीन का बचाव करते हुए कहा कि चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइनुल हक ने झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने बताया कि यहां की स्थिति वैसी नहीं है, जैसी पश्चिमी मीडिया द्वारा चित्रित की गई है। 

क्यों आंख मूंद कर चीन का समर्थन कर रहे इमरान 

दरअसल, चीन में ओलंपिक होने जा रहे हैं। हालांकि, इससे पहले पश्चिमी देशों ने उइगर मुसलमानों के शोषण को लेकर चीन को घेरना शुरू कर दिया है। ऐसे में बीजिंग ने अपने सहयोगी देश पाकिस्तान से इस मसले पर समर्थन मांगा था, जिसके बाद उइगर मुसलमानों के दमन और शोषण के बाद भी इमरान आंख मूंद कर चीन का समर्थन  कर रहे हैं। इसके पीछे पाकिस्तान का चीन पर आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य निर्भरता है। दरअसल, आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान चीन पर बहुत हद तक निर्भर हो चुका है। उसने चीन से बड़ा कर्ज भी ले रखा है। 

वैश्विक समुदाय कर चुका है कार्रवाई की मांग

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उइगर मुसलमानों पर चीन का समर्थन ऐसे समय पर किया है, जब वैश्विक समुदाय इस मसले पर चीन पर कार्रवाई की मांग कर चुका है। दरअसल, 243 वैश्विक समूहों ने मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया था।

भारत पर टिप्पणी से बाज नहीं आए इमरान 

उइगर मुसलमानों के साथ चीन के व्यवहार के बारे में सवाल पर इमरान खान ने भारत की ओर इशारा किया। कहा कि, भारत द्वारा कश्मीर में निर्दोष लोगों का नरसंहार करने की पाकिस्तान की निंदा और झिंजियांग मुद्दे की तुलना उचित नहीं है। कश्मीर, पाकिस्तान और भारत के बीच एक विवादित क्षेत्र है और भारत पर आरएसएस की विचारधारा का शासन है। जब तक कश्मीर मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तब तक दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध की आशंका बनी रहेगी।

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