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पाकिस्तान: अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने का एक और मामला, 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों पर देशद्रोह का केस

एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 21 Jan 2022 01:22 AM IST

सार

पाक मानवाधिकार आयोग ने इस कदम की निंदा की और उनके खिलाफ आरोपों को तुरंत हटाने की मांग की। आयोग के मुताबिक, जीएम सैयद की जयंती मनाने के लिए जमशोरो के सान में जमा हुए 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों के खिलाफ दर्ज मामले एक ऐसे शासन का संकेत है जो किसी भी तरह की असहमति को सहन नहीं कर सकता है।

पाकिस्तान का झंडा (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने का एक और मामला सामने आया है। यहां जमशोरो जिले के सान शहर में 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। पाक मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने कहा है कि राष्ट्रवादी नेता जीएम सैयद की 118वीं जयंती की पूर्व संध्या पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में यह कदम उठाया गया।

इस कार्यक्रम में राजद्रोह के आरोपी सारंग जोयो भी शामिल हुए जिन्हें 2020 में जबरन गायब कर दिया गया था। एचआरसीपी ने इस कदम की निंदा की और उनके खिलाफ आरोपों को तुरंत हटाने की मांग की। आयोग के मुताबिक, जीएम सैयद की जयंती मनाने के लिए जमशोरो के सान में जमा हुए 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों के खिलाफ दर्ज मामले एक ऐसे शासन का संकेत है जो किसी भी तरह की असहमति को सहन नहीं कर सकता है। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर असहमति के स्वर दबाने के लिए राष्ट्र विरोधी कार्ड खेला है।

सिंध से लापता कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए प्रदर्शन
डॉन अखबार के अनुसार, रविवार की रात और सोमवार को दो विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान जय सिंध तहरीक (जेएसटी) और जय सिंध महाज (जेएसएम) समूहों ने दिवंगत नेता की कब्र के पास विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत से लापता राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। इसे लेकर कुल 34 कार्यकर्ताओं पर छछर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।

विस्तार

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने का एक और मामला सामने आया है। यहां जमशोरो जिले के सान शहर में 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। पाक मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने कहा है कि राष्ट्रवादी नेता जीएम सैयद की 118वीं जयंती की पूर्व संध्या पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में यह कदम उठाया गया।

इस कार्यक्रम में राजद्रोह के आरोपी सारंग जोयो भी शामिल हुए जिन्हें 2020 में जबरन गायब कर दिया गया था। एचआरसीपी ने इस कदम की निंदा की और उनके खिलाफ आरोपों को तुरंत हटाने की मांग की। आयोग के मुताबिक, जीएम सैयद की जयंती मनाने के लिए जमशोरो के सान में जमा हुए 50 से ज्यादा सिंधी राष्ट्रवादियों के खिलाफ दर्ज मामले एक ऐसे शासन का संकेत है जो किसी भी तरह की असहमति को सहन नहीं कर सकता है। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर असहमति के स्वर दबाने के लिए राष्ट्र विरोधी कार्ड खेला है।

सिंध से लापता कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए प्रदर्शन

डॉन अखबार के अनुसार, रविवार की रात और सोमवार को दो विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान जय सिंध तहरीक (जेएसटी) और जय सिंध महाज (जेएसएम) समूहों ने दिवंगत नेता की कब्र के पास विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत से लापता राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। इसे लेकर कुल 34 कार्यकर्ताओं पर छछर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।

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