न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 27 Dec 2021 09:14 AM IST
सार
आरोप है कि इस धर्म संसद में नफरती भाषण दिया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई एनवी रमण को पत्र लिखा है।
मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट यहां सभी चीजों को ठीक करने के लिए नहीं है।
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विस्तार
दरअसल, हरिद्वार में हाल ही में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इस धर्म संसद में नफरती भाषण दिया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई एनवी रमण को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में साधु संतों की बैठक में देश के संवैधानिक मूल्यों और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ भाषण दिए गए और अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हथियार उठाने की बात कही गई। पत्र लिखने वाले वकीलों में दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, सलमान खुर्शीद, पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश व अन्य जानेमाने वकील शामिल हैं।
धर्म संसद में हुआ नरसंहार का खुला आह्वान
वकीलों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि धर्म संसद में न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, बल्कि विशेष समुदाय के लोगों के नरसंहार का खुला आह्वान किया गया। पत्र में कहा गया है कि ये भाषण न केवल हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि लाखों मुस्लिम नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं। वहीं नरसंहार और हथियारों के खुले इस्तेमाल पर सोशल मीडिया पर भी नाराजगी व्यक्त की गई, जिसके चार दिन बाद पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
क्या कहा गया भाषण में
धर्म संसद का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें साध्वी अन्नपूर्णा कहती हैं- अगर आप उन्हें खत्म करना चाहते हैं, तो उन्हें मार दें। हमें 100 सैनिकों की जरूरत है, जो 20 लाख को मार सकें।