न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 04 Apr 2022 08:11 PM IST
सार
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर भारत के रूख को लेकर आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने भी भारत की तारीफ की है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने शांतिपूर्ण और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने की साझा जिम्मेदारी स्वीकार की है।
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विस्तार
उन्होंने कहा कि इससे सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। ओ फैरेल ने कहा कि दोनों देशों के प्रमुखों से बात करके पीएम मोदी ने संकेत दे दिया है कि भारत देनों देशों के बीच मध्यस्थता करके स्थिति को संभालेगा। गौरतलब है कि अभी तक पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से तीन बार और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ दो बार बात की है।
आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने इस दौरान भारत और आस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा आस्ट्रेलिया के साथ किया गया व्यापार सौदा दर्शाता है कि भारत में कंपनियां, किसान और प्रौद्योगिकीविद आस्ट्रेलिया को अधिक निर्यात हैं। यह दोनों देशों के लिए अच्छा है। उन्होंने भारत के व्यापार की सराहना करते हुए कहा कि यह जीवन स्तर और नौकरियों में मदद करता है ।
द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 7,00,000 से अधिक भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। जो दोनों देशों के बीच के पुल के रूप में काम कर रहे हैं। इस दौरान उच्चायुक्त ने पिछले महीनेप्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच हुए शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया।
आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत ने शांतिपूर्ण और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने की साझा जिम्मेदारी स्वीकार की है। इसके तहत सभी राज्यों के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा, चाहे उनका आकार कुछ भी हो। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यूरोप में वर्तमान घट रही घटनाएं हमें गहन रणनीतिक चुनौतियों और दुनिया के सामने आने वाले व्यवधान की याद दिलाती हैं। वर्तमान में दशकों से शांति और समृद्धि का समर्थन करने वाली व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है।
गौरतलब है कि आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ऑस्ट्रेलिया-भारत संस्थान द्वारा ‘ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों का उदय और विकास’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।