Desh

देशभर की शादियों में 'धूम' मचा मप्र का गिरोह : बिन बुलाए बराती 'बच्चे' लगा रहे लाखों की चपत, मुंबई पुलिस रख रही गूगल मैप से नजर

सार

लूट व चोरी में सुप्रशिक्षित ये बच्चे अपने आकाओं के जरिए देश के महानगरों व बड़े शहरों में पहुंचकर उन विवाह पांडालों, होटलों, मेरिज गार्डनों आदि में सूट-बूट में पहुंचते हैं, ताकि किसी को शक न हो कि ये बिन बुलाए बाराती-घराती हैं।

ख़बर सुनें

गर्मी व शादियों का सीजन मध्य प्रदेश के एक खास ‘बच्चा गिरोह’ व उनके सरगनाओं के लिए कमाई का बड़ा मौसम होता है। कुख्यात सिसोदिया गिरोह से जुड़े ये बच्चे देश के कई राज्यों में महंगी शादियों में ‘बिन बुलाए बाराती’ के रूप में घुस जाते हैं और लाखों की चपत लगाकर रफूचक्कर हो जाते हैं। इन्हें दबोचने में मुंबई पुलिस को भी पसीना छूट जाता है। इससे निपटने के लिए उसे बड़ी तैयारी करना पड़ती है। 

लूट व चोरी में सुप्रशिक्षित ये बच्चे अपने आकाओं के जरिए देश के महानगरों व बड़े शहरों में पहुंचकर उन विवाह पांडालों, होटलों, मेरिज गार्डनों आदि में सूट-बूट में पहुंचते हैं, ताकि किसी को शक न हो कि ये बिन बुलाए बारातीघराती हैं। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने हाल ही में इस सिसोदिया गिरोह के सदस्यों व उसके सरगनाओं की सूची तैयार की है। 

कई राज्यों के शहरों में की वारदातें
मुंबई पुलिस के अनुसार इन बच्चों को मप्र के कुछ गांवों में चोरी की खास ट्रेनिंग दी जाती है। ये गिरोह बिहार, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के कई शहरों में वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। हर साल गर्मी का मौसम इनके लिए ‘कमाई का मौसम’ होता है। 

महाराष्ट्र के ये शहर निशाने पर, गूगप मैप से रखी जा रही नजर
महाराष्ट्र पुलिस इस बार इन्हें दबोचने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। इसलिए उनकी लोकेशन पर गूगल मैप के जरिए नजर रखी जा रही है। सिसोदिया गैंग के निशाने पर इस बार महाराष्ट्र के सतारा, महाबलेश्वर, कोल्हापुर, सोलापुर, धुले, जलगांव, नवी मुंबई व मुंबई जैसे तमाम शहर हैं। पिछले एक माह से इन शहरों में उनकी हलचल पाई गई है। गिरोह ने देश के अन्य शहरों में भी अपनी ‘टुकड़ियां’ भेजी हैं। मुंबई पुलिस ने इस गिरोह के सरगनाओं के फोटो व फोन नंबर, पहचान के सबूत आदि जुटा लिए हैं, ताकि इन्हें दबोचने में कोई कसर न रहे। 

मध्य प्रदेश के इन गांवों से है नाता, ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
गिरोह के बच्चे व इनके सरगना मध्य प्रदेश के कडियां सांसी व गुलखेड़ी गांव के हैं। यह गिरोह सिर्फ गर्मी के मौसम में होने वाली की शादियों को ही निशाना बनाता है। ये बच्चे किसी विवाह समारोह में शरीक होने के बाद वहां मौजूद लोगों में घुल मिल जाते हैं। अच्छी वेशभूषा व हाथों में गुलदस्ता या गिफ्ट पैक लेकर पहुंचते हैं, ताकि विवाह समारोह में मौजूद दोनों पक्षों के जानकारों की नजरों से बच सकें या उन्हें गुमराह कर सकें। इन्हें सजाया संवारा जाता है। कुर्ते पाजामे, महंगे जूते, सूट, शेरवानी जैसे वस्त्र पहनाए जाते हैं ताकि वे वर या वधू पक्ष के लगें। विवाह आयोजन स्थलों के बाहर इनके सरगना कारों में इंतजार करते हैं। महंगी वस्तुएं लेकर जैसे ही ये पांडाल से बाहर निकलते हैं, उन्हें लेकर सरगना शहर से भाग निकलते हैं। 

कुछ ही देर में ये वर-वधू के करीब पहुंच जाते हैं। इस दौरान उनकी नजर आभूषणों या नकदी भरे बैग या पर्स पर होती है। जब दोनों पक्ष के लोग वरमाला या केक कटिंग सेरेमनी जैसी अहम रस्मों में जुटे होते हैं, तब ये अपना काम दिखाते हैं और कुछ ही पलों में परिसर से ओझल हो जाते हैं। जब ये बच्चे व उनके सरगना वारदात के लिए किसी मैरिज हॉल या किसी अन्य स्थल पर पहुंचते हैं तो अपने मोबाइल फोन बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं सिम कार्ड भी निकाल देते हैं ताकि पुलिस की निगरानी से बच सकें। 

सरगना मोटी फीस लेकर बच्चों को देते हैं प्रशिक्षण
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की मानें तो इन बच्चों को गिरोह के सरगना मोटी फीस लेकर चोरी की ट्रेनिंग देते हैं। यह फीस एक से पांच लाख रुपये तक होती है। हाथ साफ करने में माहिर होने पर उन्हें वारदात के लिए तैनात किया जाता है। सरगना इस काम में कम उम्र के बच्चों को इसलिए इस्तेमाल करते हैं ताकि पकड़े जाने पर उन्हें बाल अपराध कानूनों के तहत कोर्ट से जल्दी राहत मिल जाए। इन बच्चों को भीड़ में हाथ साफ करने, पर्स व बैग लेकर निकलने, पुलिस के तौर तरीकों से निपटने व पकड़े जाने पर रोने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। 

पुलिस को खदेड़ चुके हैं गांव के लोग
ये गांव भोपाल से 120 किलोमीटर व इंदौर से करीब 150 किलोमीटर दूर हैं। शाजापुर व आसपास के अन्य गांव भी इस गिरोह का ठिकाना हैं। देशभर में वारदात कर ये यहां पहुंच जाते हैं। इनके परिजनों का पुलिस में भी खौफ है। ये गिरोह गांव में पुलिस पहुंचने पर उस पर भी पथराव कर खदेड़ चुका है। पिछले साल मुंबई पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह को दबोचा था। उसके पास से महंगी कार, 26 लाख रुपये मूल्य के आभूषण व नकदी जब्त किए थे। इस गिरोह ने गत वर्ष महाराष्ट्र में अनेक वारदातें की थीं। 

विस्तार

गर्मी व शादियों का सीजन मध्य प्रदेश के एक खास ‘बच्चा गिरोह’ व उनके सरगनाओं के लिए कमाई का बड़ा मौसम होता है। कुख्यात सिसोदिया गिरोह से जुड़े ये बच्चे देश के कई राज्यों में महंगी शादियों में ‘बिन बुलाए बाराती’ के रूप में घुस जाते हैं और लाखों की चपत लगाकर रफूचक्कर हो जाते हैं। इन्हें दबोचने में मुंबई पुलिस को भी पसीना छूट जाता है। इससे निपटने के लिए उसे बड़ी तैयारी करना पड़ती है। 

लूट व चोरी में सुप्रशिक्षित ये बच्चे अपने आकाओं के जरिए देश के महानगरों व बड़े शहरों में पहुंचकर उन विवाह पांडालों, होटलों, मेरिज गार्डनों आदि में सूट-बूट में पहुंचते हैं, ताकि किसी को शक न हो कि ये बिन बुलाए बारातीघराती हैं। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने हाल ही में इस सिसोदिया गिरोह के सदस्यों व उसके सरगनाओं की सूची तैयार की है। 

कई राज्यों के शहरों में की वारदातें

मुंबई पुलिस के अनुसार इन बच्चों को मप्र के कुछ गांवों में चोरी की खास ट्रेनिंग दी जाती है। ये गिरोह बिहार, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के कई शहरों में वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। हर साल गर्मी का मौसम इनके लिए ‘कमाई का मौसम’ होता है। 

महाराष्ट्र के ये शहर निशाने पर, गूगप मैप से रखी जा रही नजर

महाराष्ट्र पुलिस इस बार इन्हें दबोचने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। इसलिए उनकी लोकेशन पर गूगल मैप के जरिए नजर रखी जा रही है। सिसोदिया गैंग के निशाने पर इस बार महाराष्ट्र के सतारा, महाबलेश्वर, कोल्हापुर, सोलापुर, धुले, जलगांव, नवी मुंबई व मुंबई जैसे तमाम शहर हैं। पिछले एक माह से इन शहरों में उनकी हलचल पाई गई है। गिरोह ने देश के अन्य शहरों में भी अपनी ‘टुकड़ियां’ भेजी हैं। मुंबई पुलिस ने इस गिरोह के सरगनाओं के फोटो व फोन नंबर, पहचान के सबूत आदि जुटा लिए हैं, ताकि इन्हें दबोचने में कोई कसर न रहे। 

मध्य प्रदेश के इन गांवों से है नाता, ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम

गिरोह के बच्चे व इनके सरगना मध्य प्रदेश के कडियां सांसी व गुलखेड़ी गांव के हैं। यह गिरोह सिर्फ गर्मी के मौसम में होने वाली की शादियों को ही निशाना बनाता है। ये बच्चे किसी विवाह समारोह में शरीक होने के बाद वहां मौजूद लोगों में घुल मिल जाते हैं। अच्छी वेशभूषा व हाथों में गुलदस्ता या गिफ्ट पैक लेकर पहुंचते हैं, ताकि विवाह समारोह में मौजूद दोनों पक्षों के जानकारों की नजरों से बच सकें या उन्हें गुमराह कर सकें। इन्हें सजाया संवारा जाता है। कुर्ते पाजामे, महंगे जूते, सूट, शेरवानी जैसे वस्त्र पहनाए जाते हैं ताकि वे वर या वधू पक्ष के लगें। विवाह आयोजन स्थलों के बाहर इनके सरगना कारों में इंतजार करते हैं। महंगी वस्तुएं लेकर जैसे ही ये पांडाल से बाहर निकलते हैं, उन्हें लेकर सरगना शहर से भाग निकलते हैं। 

कुछ ही देर में ये वर-वधू के करीब पहुंच जाते हैं। इस दौरान उनकी नजर आभूषणों या नकदी भरे बैग या पर्स पर होती है। जब दोनों पक्ष के लोग वरमाला या केक कटिंग सेरेमनी जैसी अहम रस्मों में जुटे होते हैं, तब ये अपना काम दिखाते हैं और कुछ ही पलों में परिसर से ओझल हो जाते हैं। जब ये बच्चे व उनके सरगना वारदात के लिए किसी मैरिज हॉल या किसी अन्य स्थल पर पहुंचते हैं तो अपने मोबाइल फोन बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं सिम कार्ड भी निकाल देते हैं ताकि पुलिस की निगरानी से बच सकें। 

सरगना मोटी फीस लेकर बच्चों को देते हैं प्रशिक्षण

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की मानें तो इन बच्चों को गिरोह के सरगना मोटी फीस लेकर चोरी की ट्रेनिंग देते हैं। यह फीस एक से पांच लाख रुपये तक होती है। हाथ साफ करने में माहिर होने पर उन्हें वारदात के लिए तैनात किया जाता है। सरगना इस काम में कम उम्र के बच्चों को इसलिए इस्तेमाल करते हैं ताकि पकड़े जाने पर उन्हें बाल अपराध कानूनों के तहत कोर्ट से जल्दी राहत मिल जाए। इन बच्चों को भीड़ में हाथ साफ करने, पर्स व बैग लेकर निकलने, पुलिस के तौर तरीकों से निपटने व पकड़े जाने पर रोने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। 

पुलिस को खदेड़ चुके हैं गांव के लोग

ये गांव भोपाल से 120 किलोमीटर व इंदौर से करीब 150 किलोमीटर दूर हैं। शाजापुर व आसपास के अन्य गांव भी इस गिरोह का ठिकाना हैं। देशभर में वारदात कर ये यहां पहुंच जाते हैं। इनके परिजनों का पुलिस में भी खौफ है। ये गिरोह गांव में पुलिस पहुंचने पर उस पर भी पथराव कर खदेड़ चुका है। पिछले साल मुंबई पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह को दबोचा था। उसके पास से महंगी कार, 26 लाख रुपये मूल्य के आभूषण व नकदी जब्त किए थे। इस गिरोह ने गत वर्ष महाराष्ट्र में अनेक वारदातें की थीं। 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: