एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 24 Dec 2021 05:29 AM IST
सार
एसोचैम के सम्मेलन में जयंत सिन्हा ने कंपनियों की वृद्धि और उनका आकार बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
ख़बर सुनें
विस्तार
एसोचैम के सम्मेलन में जयंत सिन्हा ने कंपनियों की वृद्धि और उनका आकार बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि हमारी समिति ने जीएसटी पर इनवॉइस के रूप में मौजूद सभी आंकड़ों को ट्रेड्स से जोड़ने का सुझाव दिया था। हमें खुशी है कि सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है और अब जीएसटी व सार्वजनिक प्लेटफॉर्म से जुड़े नियमों में संशोधन किया जाएगा।
इसके बाद कंपनियां इन आंकड़ों का इस्तेमाल अपनी वृद्धि, कारोबार विस्तार और आकार बढ़ाने में कर सकेंगी। ट्रेड्स ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो एमएसएमई को उसके कॉरपोरेट खरीदारों से इनवॉइस जारी करने से बचाता है।
ऐसे में अगर जीएसटी से जुड़े सभी इनवॉइस को इस प्लेटफॉर्म पर डाल दिया जाए, तो एमएसएमई इसका इस्तेमाल अपने कारोबार में कर सकेंगी। इसे लागू करने के लिए न सिर्फ केंद्रीय जीएसटी कानून में बदलाव करना होगा, बल्कि राज्यों से जुड़े नियमों मेें भी परिवर्तन जरूरी है। एजेंसी
दिवालिया कानून में बदलाव के लिए मांगे सुझाव
दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के तहत मामलों के जल्द समाधान के लिए सरकार कानून में बदलाव कर रही है। दिवालिया कानून समिति (आईएलसी) ने इसके प्रस्ताव पर 13 जनवरी, 2022 तक सुझाव मांगे हैं।
मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बदलाव के बाद आवेदन, प्रावधान को सरल बनाकर तय समय में समाधान योजना पूरी की जाएगी। अभी किसी मामले का निपटारा 180 दिन में करना जरूरी होता है, लेकिन प्रक्रियागत अड़चनों की वजह से इसमें कई साल लग जाते हैं।