न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 01 Dec 2021 01:45 AM IST
ए. अनवर राजा
– फोटो : ani
तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) ने अपने वरिष्ठ नेता ए. अनवर राजा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अनवर राजा पार्टी की अल्पसंख्यक विंग के सचिव भी हैं।
अनवर राजा रामनाथपुरम सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। वह हाल ही में आयोजित जिला सचिवों की एक बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में थे।
अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक पलानीस्वामी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अनवर राजा को प्राथमिक सदस्यता समेत उनके सभी पदों से और पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के सचिव के पद से हटा दिया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने उन्होंने पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया, पार्टी के नेतृत्व के फैसलों के खिलाफ विचार रखे और पार्टी को बदनाम किया, इसलिए उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
अनवर राजा 2001-2006 तक अन्नाद्रमुक शासन के दौरान तमिलनाडु के श्रम मंत्री थे, उन्होंने अन्नाद्रमुक में हुए राजनीतिक विवाद में शशिकला का समर्थन किया था, शशिकला को भी सालों पहले पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) ने अपने वरिष्ठ नेता ए. अनवर राजा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अनवर राजा पार्टी की अल्पसंख्यक विंग के सचिव भी हैं।
अनवर राजा रामनाथपुरम सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। वह हाल ही में आयोजित जिला सचिवों की एक बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में थे।
अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक पलानीस्वामी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अनवर राजा को प्राथमिक सदस्यता समेत उनके सभी पदों से और पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के सचिव के पद से हटा दिया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने उन्होंने पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया, पार्टी के नेतृत्व के फैसलों के खिलाफ विचार रखे और पार्टी को बदनाम किया, इसलिए उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
अनवर राजा 2001-2006 तक अन्नाद्रमुक शासन के दौरान तमिलनाडु के श्रम मंत्री थे, उन्होंने अन्नाद्रमुक में हुए राजनीतिक विवाद में शशिकला का समर्थन किया था, शशिकला को भी सालों पहले पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
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