एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 10 Feb 2022 04:11 AM IST
सार
डेलॉय की रिपोर्ट के मुताबिक, 59 फीसदी लोग जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण स्तर और पेट्रोल-डीजल वाहनों के उत्सर्जन को लेकर फिक्रमंद हैं। इससे ई-वाहनों के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं की रुचि का पता चलता है क्योंकि इससे उत्सर्जन एवं प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिलेगी।
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विस्तार
रिपोर्ट के मुताबिक, 59 फीसदी लोग जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण स्तर और पेट्रोल-डीजल वाहनों के उत्सर्जन को लेकर फिक्रमंद हैं। इससे ई-वाहनों के प्रति भारतीय उपभोक्ताओं की रुचि का पता चलता है क्योंकि इससे उत्सर्जन एवं प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिलेगी।
डेलॉय इंडिया के साझेदार एवं ऑटोमोटिव प्रमुख राजीव सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों और नए-नए नवाचार सामने आने से भारतीय वाहन उद्योग वृद्धि का नया दौर देखने जा रहा है। हमारा नया अध्ययन ग्राहकों की बदलती धारणाओं का जिक्र करता है। आने वाले समय में भारत में ई-वाहनों और खासकर दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों की वृद्धि को मजबूती मिलेगी।
महंगे ईंधन और सरकारी नीतियों ने भी बदली सोच
रिपोर्ट में कहा गया है पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और सरकार के उठाए कदमों से भी लोगों के रुझान में फर्क पड़ा है। पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से शहरों के अंदर आवाजाही के लिए लोग और खासतौर पर दोपहिया वाहन वाले अब ई-वाहन खरीद रहे हैं या खरीदने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, उद्योग को मिले प्रोत्साहन से ई-वाहनों के नए-नए मॉडल सामने आ रहे हैं। कीमतों के मोर्चे पर भी थोड़ी राहत मिल रही है।