न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 12 Dec 2021 09:01 AM IST
सार
बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। बैंक सुधार के क्षेत्र में यह बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम में शामिल होंगे। वे ‘डिपॉजिट फर्स्ट: पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी’ विषय पर आधारित समारोह में वे बैंक कर्मचारियों व जमाकर्ताओं को संबोधित भी करने वाले हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी साझा करते करते हुए बताया गया कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।
इस योजना के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदशों के सभी सहकारी बैंकों के जमा खाते भी आते हैं। इसमें डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत जमा खाते, फिक्सड डिपॉजिट, चालू खाते और रेकरिंग डिपॉजिट भी आते हैं।
पांच लाख किया गया बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
बैंक सुधार की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए बैँक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को पांच लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह एक लाख रुपये ही था। इसके तहत बैंक के डूबने पर अब पांच लाख रुपये मिलते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पूर्ण रूप से संरक्षित खातों की संख्या 98.1 प्रतिशत पहुंच गई थी।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम में शामिल होंगे। वे ‘डिपॉजिट फर्स्ट: पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी’ विषय पर आधारित समारोह में वे बैंक कर्मचारियों व जमाकर्ताओं को संबोधित भी करने वाले हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी साझा करते करते हुए बताया गया कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।
इस योजना के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदशों के सभी सहकारी बैंकों के जमा खाते भी आते हैं। इसमें डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत जमा खाते, फिक्सड डिपॉजिट, चालू खाते और रेकरिंग डिपॉजिट भी आते हैं।
पांच लाख किया गया बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
बैंक सुधार की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए बैँक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को पांच लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह एक लाख रुपये ही था। इसके तहत बैंक के डूबने पर अब पांच लाख रुपये मिलते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पूर्ण रूप से संरक्षित खातों की संख्या 98.1 प्रतिशत पहुंच गई थी।
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