एजेंसी, सिडनी।
Published by: योगेश साहू
Updated Thu, 06 Jan 2022 01:45 AM IST
सार
समझौते पर हस्ताक्षर से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि इससे द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती मिलेगी। यह जटिल व्यावहारिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Pixabay
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विस्तार
ऑस्ट्रेलिया और जापान रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए बृहस्पतिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। ऑस्ट्रेलिया और जापान के इस समझौते को ऐतिहासिक बताया जा रहा है, लेकिन यह चीन को नाराज कर सकता है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा एक डिजिटल सम्मेलन में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
समझौते की पूर्व संध्या पर स्कॉट मॉरिसन ने कहा, यह समझौता ‘ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल’ और ‘जापानी स्व-रक्षा बलों’ के बीच महत्वपूर्ण और जटिल व्यावहारिक संबंधों को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया और जापान करीबी मित्र हैं। हमारी विशेष सामरिक साझेदारी पहले से अधिक मजबूत है, यह हमारे साझे मूल्यों, लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है तथा एक स्वतंत्र, खुले और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा हितों को दर्शाती है।
ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ऑकस त्रिपक्षीय समझौता किया था। इसके तहत अमेरिका और ब्रिटेन ने परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों को हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने का संकल्प लिया था। इस समझौते ने चीन को नाराज कर दिया था।