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डब्ल्यूएचओ : अस्पतालों में भीड़ बढ़ी तो इलाज न होने से मरेंगे लोग, कड़े उपायों से ही रुकेगा संक्रमण

सार

अमेरिका में सात जनवरी को आठ लाख, 94 हजार, 490 नए संक्रमित मिले। तीन जनवरी को दस लाख संक्रमित मिलने के बाद से लगातार पांच लाख से ज्यादा संक्रिमत हर दिन मिल रहे हैं। न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया संक्रमण के केंद्र बने हुए हैं।

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दुनिया में कोविड संक्रमण जंगल में आग की तरह फैल रहा है। लापरवाही की हवा इस आग को और भड़का रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) चिंतित है कि इस पर काबू नहीं किया, तो कितने ही निर्दोष लोग इसकी चपेट में आएंगे। जहां स्वास्थ्य ढांचा कमजोर है वहां अस्पतालों में भीड़ बढ़ी तो इलाज के अभाव में लोगों की मौत हो जाएगी।

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल ने कहा कि मौजूदा हालात में दुनियाभर में कोविड की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयास बिखर हुए, दिशाहीन व आधे-अधूरे हैं। इससे वे लोग भी जोखिम में हैं, जो अपने स्तर पर बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं। 

उन्होंने बचाव के सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को सख्ती से लागू करने का आह्वान करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन को हल्का मानकर लापरवाह हो जाने की गुंजाइश नहीं है। संक्रमण को काबू करना है, तो सख्त उपाय करने होंगे। भीड़भाड पर नियंत्रण, समाजिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता कड़ाई से लागू करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि महामारी में जहां पहले से ही स्वास्थ्य ढांचा पर्याप्त नहीं है, वहां हालात और भयावह हो सकते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में ऐसे लोगों के जान गंवाने की आशंका है, जिन्हें बचाया जा सकता है। लिहाजा,  संक्रमण की रफ्तार में कमी लाने पर ध्यान होना चाहिए। 

तीव्र टीकाकरण पर ध्यान देना होगा, साथ ही दोनों खुराक ले चुके लोगों को भी बचाव के नियमों के पालन करने के बारे में जागरूक करना होगा, ताकि वे भी नियमों का पालन करें। लोगों की जान बचाने के लिए यह जरूरी है कि अस्पतालों में उनकी क्षमता से ज्यादा भीड़ नहीं हो, यह तभी संभव होगा, जब बचाव के उपाय कठोरता से लागू होंगे।

अमेरिका में हर दिन पांच लाख से ज्यादा मामले
अमेरिका में सात जनवरी को आठ लाख, 94 हजार, 490 नए संक्रमित मिले। तीन जनवरी को दस लाख संक्रमित मिलने के बाद से लगातार पांच लाख से ज्यादा संक्रिमत हर दिन मिल रहे हैं। न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया संक्रमण के केंद्र बने हुए हैं। शुक्रवार को न्यूयॉर्क में 82094 नए संक्रमित सामने आए। वहीं, कैलिफोर्निया में इस दौरान एक लाख, 10 हजार, 612 नए संक्रमित मिले। 

कैलिफोर्निया के कई हिस्सों में परीक्षण किट की तंगी हो गई है। हालात ऐसे हैं कि शुक्रवार को गवर्नर गेविन न्यूजॉम को टेस्टिंग के लिए कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड को सक्रिय करने की घोषणा करनी पड़ी। स्वास्थ्यकर्मियों की मदद और भीड़ पर नियंत्रण के लिए 200 से अधिक गार्ड 50 से ज्यादा जांच केंद्रों पर तैनात किए हैं।

ऑस्ट्रेलिया : 24 घंटे में एक लाख मामले
कोविड की शुरुआत से अब तक ऑस्ट्रेलिया में पहली बार एक लाख से ज्यादा संक्रमण के दैनिक मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एक दिन में सबसे ज्यादा 51,356 मामले विक्टोरिया में सामने आए। न्यू साउथ वेल्स में 45,098 नए संक्रमित मिले।

वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल संक्रमण की चपेट में आ गए। न्यू साउथ वेल्स की उप स्वास्थ्य सचिव सुजैन पीयर्स ने कहा कि आने वाले दिनों में संक्रमण के ज्यादा मामले आ सकते हैं। वहीं, विक्टोरिया के स्वास्थ्य मंत्री मार्टिन फोले ने कहा कि संक्रमण और तेज हो सकता है।

सिंगापुर : सभी को बूस्टर डोज लगवाने की छूट
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने शनिवार को कहा कि सिंगापुर में कोई भी चाहे तो बूस्टर डोज ले सकता है, टीकाकरण केंद्र पर बूस्टर डोज की अनुमति दी गई है। हालांकि, इसके संबंध में सरकार ने कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। बूस्टर डोज या सालाना डोज की जरूरत पर उन्होंने कहा कि इसे लेकर कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगा।

चीन : सख्ती का फायदा कम हुए नए मामले
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि बीते एक दिन में देशभर में कोविड के 159 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 95 मामले स्थानीय हैं, जबकि 64 बाहर से आए लोगों में मिले हैं। स्थानीय मामलों में से शांक्सी में 46, हेनान में 43, झेजियांग में चार और ग्वांगडोंग में दो मामले दर्ज किए। आयोग ने बताया कि प्रतिबंधों का लाभ हो रहा है और संक्रमण नियंत्रण में है।

विस्तार

दुनिया में कोविड संक्रमण जंगल में आग की तरह फैल रहा है। लापरवाही की हवा इस आग को और भड़का रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) चिंतित है कि इस पर काबू नहीं किया, तो कितने ही निर्दोष लोग इसकी चपेट में आएंगे। जहां स्वास्थ्य ढांचा कमजोर है वहां अस्पतालों में भीड़ बढ़ी तो इलाज के अभाव में लोगों की मौत हो जाएगी।

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल ने कहा कि मौजूदा हालात में दुनियाभर में कोविड की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयास बिखर हुए, दिशाहीन व आधे-अधूरे हैं। इससे वे लोग भी जोखिम में हैं, जो अपने स्तर पर बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं। 

उन्होंने बचाव के सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को सख्ती से लागू करने का आह्वान करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन को हल्का मानकर लापरवाह हो जाने की गुंजाइश नहीं है। संक्रमण को काबू करना है, तो सख्त उपाय करने होंगे। भीड़भाड पर नियंत्रण, समाजिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता कड़ाई से लागू करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि महामारी में जहां पहले से ही स्वास्थ्य ढांचा पर्याप्त नहीं है, वहां हालात और भयावह हो सकते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में ऐसे लोगों के जान गंवाने की आशंका है, जिन्हें बचाया जा सकता है। लिहाजा,  संक्रमण की रफ्तार में कमी लाने पर ध्यान होना चाहिए। 

तीव्र टीकाकरण पर ध्यान देना होगा, साथ ही दोनों खुराक ले चुके लोगों को भी बचाव के नियमों के पालन करने के बारे में जागरूक करना होगा, ताकि वे भी नियमों का पालन करें। लोगों की जान बचाने के लिए यह जरूरी है कि अस्पतालों में उनकी क्षमता से ज्यादा भीड़ नहीं हो, यह तभी संभव होगा, जब बचाव के उपाय कठोरता से लागू होंगे।

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