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टेक्सास बंधक कांड: यहूदी धर्मगुरु की सूझबूझ आई काम, बंधक बनाने वाले को बातों में उलझाया, कुर्सी फेंकी व बच निकले

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 18 Jan 2022 11:00 AM IST

सार

टेक्सास के इस सिनेगॉग में शनिवार को एक बंदूकधारी उस वक्त घुस गया था, जब वहां से प्रवचन का सीधा प्रसारण हो रहा था। रब्बी चार्ली साइट्रॉन-वाकर ने सोमवार को इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी।

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अमेरिका के टेक्सास में एक यहूदी धर्मस्थल (synagogue) पर हुए बंधक कांड के पटाक्षेप के बाद उसकी पूरी कहानी सामने आई है। एक यहूदी धर्मगुरु ‘रब्बी’ की सूझबूझ से बंधक बनाए गए तीन लोगों की जान बच गई। इस रब्बी ने बंधक बनाने वाले पाकिस्तानी मूल के बंदूकधारी को पहले बातों में उलझाया,  उसे प्रवचन सुनाए और इसी दौरान मौका देखकर उस पर कुर्सी फेंकी और हॉल से बाहर भाग निकले। 

टेक्सास के इस सिनेगॉग में शनिवार को एक बंदूकधारी उस वक्त घुस गया था, जब वहां से प्रवचन का  फेसबुक पर सीधा प्रसारण हो रहा था। रब्बी चार्ली साइट्रॉन-वाकर ने सोमवार को इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी। उसने बताया कि उसने कई घंटों के गतिरोध के बाद दो अन्य लोगों के साथ हॉल से बाहर भागने से पहले किस तरह से बंधक बनाने वाले पर काबू किया। उसने बताया कि उसने ऐसे मामलों से निपटने का पूर्व में प्रशिक्षण ले रखा था, इसी वजह से उनकी जान बच गई।

वाकर ने ‘सीबीएस मॉर्निंग्स’ को बताया कि उसने फोर्ट वर्थ के धर्मस्थल में घुसा बंदूकधारी पहली बार में संदिग्ध नहीं दिखा था। उसे लगा था कि बंदूकधारी को आश्रय की जरूरत है। बाद में, जब वह प्रार्थना कर रहा था तो उसे  बंदूक का बटन दबाए जाने की आवाज सुनाई दी। सिनेगॉग में बंधक बनाए गए एक अन्य व्यक्ति जेफरी कोहेन ने सोमवार को फेसबुक पर इस घटना का वर्णन किया। उसने लिखा कि हमें रिहा या मुक्त नहीं किया गया था। वह धर्मस्थल के सेवादारों में से एक था। कई अन्य इस्राइली भक्त ऑनलाइन प्रवचन सुन रहे थे। हमने उसे बंदूकधारी को व्यस्त रखने के लिए उससे बात की। उसे प्रवचन सुनाए। तभी उसने उन्हें कुर्सी से उठने को कहा, इसी दौरान वाकर दौड़ने के लिए चिल्लाया। चूंकि दरवाजा बहुत दूर नहीं था, इसलिए सभी बाहर भागे। इसी बीच वाकर ने उस पर कुर्सी फेंकी और भाग निकले। 

बंधक बनाने वाला 44 साल का ब्रिटिश नागरिक अकरम ढेर
बंधक बनाने वाले की पहचान 44 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के रूप में हुई है। उसे शनिवार रात करीब नौ बजे सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया था। एफबीआई ने इसे आतंकवाद से संबंधित मामला बताया है। इसी एंगल से मामले की जांच जारी है। 

पाक वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी की रिहाई की कर रहा था मांग
बंधक बनाने वाले शख्स ने पाकिस्तानी न्यूरो वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग की थी। आफिया पर अफगानिस्तान में रहकर अमेरिकी सैन्य अफसरों की हत्या के प्रयास का आरोप है। आफिया अभी टेक्सास की संघीय जेल में बंद है। उसे 83 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।  प्रवचन के सीधे प्रसारण के दौरान अकरम फेसबुक पर आफिया की रिहाई की मांग करता सुनाई देता है। आफिया के अलकायदा से संबंध हैं।

विस्तार

अमेरिका के टेक्सास में एक यहूदी धर्मस्थल (synagogue) पर हुए बंधक कांड के पटाक्षेप के बाद उसकी पूरी कहानी सामने आई है। एक यहूदी धर्मगुरु ‘रब्बी’ की सूझबूझ से बंधक बनाए गए तीन लोगों की जान बच गई। इस रब्बी ने बंधक बनाने वाले पाकिस्तानी मूल के बंदूकधारी को पहले बातों में उलझाया,  उसे प्रवचन सुनाए और इसी दौरान मौका देखकर उस पर कुर्सी फेंकी और हॉल से बाहर भाग निकले। 

टेक्सास के इस सिनेगॉग में शनिवार को एक बंदूकधारी उस वक्त घुस गया था, जब वहां से प्रवचन का  फेसबुक पर सीधा प्रसारण हो रहा था। रब्बी चार्ली साइट्रॉन-वाकर ने सोमवार को इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी। उसने बताया कि उसने कई घंटों के गतिरोध के बाद दो अन्य लोगों के साथ हॉल से बाहर भागने से पहले किस तरह से बंधक बनाने वाले पर काबू किया। उसने बताया कि उसने ऐसे मामलों से निपटने का पूर्व में प्रशिक्षण ले रखा था, इसी वजह से उनकी जान बच गई।

वाकर ने ‘सीबीएस मॉर्निंग्स’ को बताया कि उसने फोर्ट वर्थ के धर्मस्थल में घुसा बंदूकधारी पहली बार में संदिग्ध नहीं दिखा था। उसे लगा था कि बंदूकधारी को आश्रय की जरूरत है। बाद में, जब वह प्रार्थना कर रहा था तो उसे  बंदूक का बटन दबाए जाने की आवाज सुनाई दी। सिनेगॉग में बंधक बनाए गए एक अन्य व्यक्ति जेफरी कोहेन ने सोमवार को फेसबुक पर इस घटना का वर्णन किया। उसने लिखा कि हमें रिहा या मुक्त नहीं किया गया था। वह धर्मस्थल के सेवादारों में से एक था। कई अन्य इस्राइली भक्त ऑनलाइन प्रवचन सुन रहे थे। हमने उसे बंदूकधारी को व्यस्त रखने के लिए उससे बात की। उसे प्रवचन सुनाए। तभी उसने उन्हें कुर्सी से उठने को कहा, इसी दौरान वाकर दौड़ने के लिए चिल्लाया। चूंकि दरवाजा बहुत दूर नहीं था, इसलिए सभी बाहर भागे। इसी बीच वाकर ने उस पर कुर्सी फेंकी और भाग निकले। 

बंधक बनाने वाला 44 साल का ब्रिटिश नागरिक अकरम ढेर

बंधक बनाने वाले की पहचान 44 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के रूप में हुई है। उसे शनिवार रात करीब नौ बजे सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया था। एफबीआई ने इसे आतंकवाद से संबंधित मामला बताया है। इसी एंगल से मामले की जांच जारी है। 

पाक वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी की रिहाई की कर रहा था मांग

बंधक बनाने वाले शख्स ने पाकिस्तानी न्यूरो वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग की थी। आफिया पर अफगानिस्तान में रहकर अमेरिकी सैन्य अफसरों की हत्या के प्रयास का आरोप है। आफिया अभी टेक्सास की संघीय जेल में बंद है। उसे 83 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।  प्रवचन के सीधे प्रसारण के दौरान अकरम फेसबुक पर आफिया की रिहाई की मांग करता सुनाई देता है। आफिया के अलकायदा से संबंध हैं।

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