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झारखंड: कोल ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ी मामले में 1621 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच

एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 10 Feb 2022 04:16 AM IST

सार

ईडी ने यह कार्रवाई कॉरपोरेट इस्पात अलॉय लिमिटेड (सीआईएएल) के खिलाफ की। इस कंपनी को झारखंड के लातेहार जिले में चितरपुर कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता मामले की जांच के तहत 1621 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की है। इसके तहत पश्चिम बंगाल और झारखंड में स्थित एक बायोमास पावर प्लांट, दो कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट और भूखंड के साथ अन्य संपत्ति अटैच की गई।

ईडी ने यह कार्रवाई कॉरपोरेट इस्पात अलॉय लिमिटेड (सीआईएएल) के खिलाफ की। इस कंपनी को झारखंड के लातेहार जिले में चितरपुर कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। जांच एजेंसी ने बयान में बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक बॉयोमास पावर प्लांट, दो कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट, एक फेर्रो अलॉय प्लांट और एक आयरन प्लांट व पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर व झारखंड के सराईकेला में स्थित भूखंड को अस्थायी तौर पर अटैच किया है।

इन संपत्तियों की कुल कीमत 1,621.93 करोड़ रुपये है। ईडी का यह मामला सीबीआई की सीआईएएल, इसके प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ जनवरी 2016 में दर्ज एफआईआर के आधार पर है। सीबीआई ने यह मामला आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कृत्य को लेकर दर्ज किया था।

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता मामले की जांच के तहत 1621 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की है। इसके तहत पश्चिम बंगाल और झारखंड में स्थित एक बायोमास पावर प्लांट, दो कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट और भूखंड के साथ अन्य संपत्ति अटैच की गई।

ईडी ने यह कार्रवाई कॉरपोरेट इस्पात अलॉय लिमिटेड (सीआईएएल) के खिलाफ की। इस कंपनी को झारखंड के लातेहार जिले में चितरपुर कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। जांच एजेंसी ने बयान में बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक बॉयोमास पावर प्लांट, दो कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट, एक फेर्रो अलॉय प्लांट और एक आयरन प्लांट व पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर व झारखंड के सराईकेला में स्थित भूखंड को अस्थायी तौर पर अटैच किया है।

इन संपत्तियों की कुल कीमत 1,621.93 करोड़ रुपये है। ईडी का यह मामला सीबीआई की सीआईएएल, इसके प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ जनवरी 2016 में दर्ज एफआईआर के आधार पर है। सीबीआई ने यह मामला आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कृत्य को लेकर दर्ज किया था।

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