वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव 
                                  Published by: Amit Mandal
                                  Updated Thu, 14 Apr 2022 05:32 PM IST
सार
यूक्रेन का कहना है कि हमले के बाद रूसी युद्धपोत में धमाका हुआ और आग लग गई जिससे चालक दल के सदस्यों को इसे छोड़ना पड़ा। वहीं रूस ने इसका खंडन किया है।
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यूक्रेन ने किया हमले का दावा
                                    
                                    यूक्रेन का कहना है कि हमले के बाद रूसी युद्धपोत में धमाका हुआ और आग लग गई जिससे चालक दल के सदस्यों को इसे छोड़ना पड़ा। वहीं, रूस ने इसका खंडन किया है। इसके साथ ही रूस ने नाटो को धमकी देते हुए कहा है कि अगर स्वीडन और फिनलैंड अमेरिकी नेतृत्व वाले इस सैन्य गठबंधन में शामिल होते हैं तो रूस को परमाणु हथियारों की तैनाती के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
ओडेसा क्षेत्र के गवर्नर मक्सिम मार्चेंको ने कहा कि यूक्रेन की सेना ने रूसी युद्धपोत मस्कोवा पर दो मिसाइलों से हमला किया। इससे इस गाइडेड मिसाइल क्रूजर पर धमाके के साथ आग लग गई। हमले से इस युद्धपोत को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, रूस ने इस युद्धपोत को नुकसान पहुंचने की बात कबूली है लेकिन इस पर यूक्रेनी मिसाइल से हमला होने की बात को खारिज किया है।
रूस ने कहा, आग लगने से हुआ हादसा
                                    
                                    रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि युद्धपोत आग लगने की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ है। युद्धपोत के क्षतिग्रस्त होने की जांच की जा रही है। फिलहाल युद्धपोत को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। अमूमन इस युद्धपोत पर चालक दल समेत करीब 500 लोग तैनात होते हैं। इसे रूस को हुआ अब तक का सबसे बड़ा नुकसान बताया जा रहा है। वहीं रूस ने एक बार फिर नाटो के विस्तार को लेकर उसे चेतावनी दी है। रूस की इस धमकी से इस युद्ध के यूक्रेन की सीमा से बाहर भी फैलने की आशंकाएं पैदा हो गई हैं।
रूसी पीएम ने नाटो को दी चेतावनी 
                                    
                                    समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी दिमित्री मेदवेदेव ने नाटो को चेतावनी दी कि अगर स्वीडन और फिनलैंड अमेरिकी नेतृत्व वाले इस सैन्य गठबंधन में शामिल होते हैं तो रूस को मजबूर होकर अपने परमाणु हथियारों को तैनात करना पड़ेगा। यह तैनाती इन देशों से लगे क्षेत्रों में होगी। दरअसल, फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने बुधवार को कहा था कि नाटो में शामिल होने के मसले पर उनका देश अगले कुछ हफ्तों में फैसला लेगा।
                                    
                                  
                          
                          
                          
                          
                        
 
 
 