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गुजरात: 21 फरवरी से सभी स्कूल, कॉलेजों में शुरू होंगी ऑफलाइन कक्षाएं, माता-पिता की लिखित सहमति से मिलेगा छात्रों को प्रवेश

पीटीआई, अहमदाबाद
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 18 Feb 2022 02:21 AM IST

सार

गुजरात के सभी छात्र स्कूलों और कॉलेजों में 21 फरवरी को सख्त कोविड -19 प्रतिबंधों और एसओपी का पालन करते हुए शिक्षण सस्थानों में वापस आ जाएंगे।

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देश में अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इस बीच गुजरात शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। यहां 21 फरवरी से गुजरात के सभी स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में पूरी क्षमता के साथ ऑफलाइन कक्षाएं चलेंगी। कोरोना के सबसे तेजी से फैलने वाले वैरिएंट ऑमिक्रॉन के मिलने के बाद सब शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया था।

छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं
कोरोना के वैरिएंट ऑमिक्रॉन के मामले बढ़ने के कारण स्कूलों और कॉलेजों को आठ जनवरी को बंद कर दिया गया था। हालांकि कक्षा 10 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद नहीं थे। अब गुजरात के सभी छात्र स्कूलों और कॉलेजों में 21 फरवरी को सख्त कोविड -19 प्रतिबंधों और एसओपी का पालन करते हुए शिक्षण सस्थानों में वापस आ जाएंगे। हालांकि छात्र अपने माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं।

राज्य में ऑफलाइन कक्षाएं सरकार द्वारा पहले जारी किए गए कोरोना मानकों (एसओपी) के अनुसार चलाई जाएंगी। वहीं सूरत के कुछ स्कूल छात्रों के मानसिक दवाब को कम करने के लिए माइंड फ्रेश एक्टिविटीज के साथ ऑफलाइन कक्षाएं शुरू कर चुके हैं।

कोरोना वायरस के घटते मामलों के मद्देजनर स्कूल और कॉलेज अब नए कोविड -19 दिशानिर्देशों के अनुसार फिर से खुल रहे हैं। लगभग हर राज्य ने छात्रों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए अपने माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद ही छात्रों को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने पहले ही जारी किए स्कूल खोलने के दिशा-निर्देश
इससे पहले केंद्र सरकार ने स्कूल फिर से खोलने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि सरकार ने कहा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना की स्थानीय स्थिति के आधार पर शिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय ले सकते हैं।

विस्तार

देश में अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इस बीच गुजरात शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। यहां 21 फरवरी से गुजरात के सभी स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में पूरी क्षमता के साथ ऑफलाइन कक्षाएं चलेंगी। कोरोना के सबसे तेजी से फैलने वाले वैरिएंट ऑमिक्रॉन के मिलने के बाद सब शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया था।

छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं

कोरोना के वैरिएंट ऑमिक्रॉन के मामले बढ़ने के कारण स्कूलों और कॉलेजों को आठ जनवरी को बंद कर दिया गया था। हालांकि कक्षा 10 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद नहीं थे। अब गुजरात के सभी छात्र स्कूलों और कॉलेजों में 21 फरवरी को सख्त कोविड -19 प्रतिबंधों और एसओपी का पालन करते हुए शिक्षण सस्थानों में वापस आ जाएंगे। हालांकि छात्र अपने माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं।

राज्य में ऑफलाइन कक्षाएं सरकार द्वारा पहले जारी किए गए कोरोना मानकों (एसओपी) के अनुसार चलाई जाएंगी। वहीं सूरत के कुछ स्कूल छात्रों के मानसिक दवाब को कम करने के लिए माइंड फ्रेश एक्टिविटीज के साथ ऑफलाइन कक्षाएं शुरू कर चुके हैं।

कोरोना वायरस के घटते मामलों के मद्देजनर स्कूल और कॉलेज अब नए कोविड -19 दिशानिर्देशों के अनुसार फिर से खुल रहे हैं। लगभग हर राज्य ने छात्रों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए अपने माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद ही छात्रों को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने पहले ही जारी किए स्कूल खोलने के दिशा-निर्देश

इससे पहले केंद्र सरकार ने स्कूल फिर से खोलने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि सरकार ने कहा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना की स्थानीय स्थिति के आधार पर शिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय ले सकते हैं।

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