न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अजय सिंह
Updated Thu, 11 Nov 2021 12:55 PM IST
सार
Salman Khurshid Book Controversy: सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में हिंदुत्व को जिहादी इस्लामी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम जैसा करार दिया। इसे लेकर भाजपा ने हमलावर रुख अपनाया है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया।
– फोटो : BJP
ख़बर सुनें
विस्तार
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये गहरी साजिश है। हम सब जानते हैं कि कांग्रेस की सरकारें आजादी के बाद 55 साल रहीं। कैसे संप्रदायिक बंटवारा करें। कैसे हिंदू-मुस्लिम करें। विपक्षी दलों की भी मजबूरी बन गई है कि विकास की बात करें। कांग्रेस को पता है कि उनकी नफरत की राजनीति को जनता नकार रही है। तो ध्रुवीकरण कैसे कराएं। दंगे कैसे कराएं। अब समय आ गया है कि हिंदू समाज संवेदनशील है, सहिष्णु है। सबको साथ लेकर चलता है। लेकिन किसी राजनीतिक दल को यह अधिकार नहीं कि वह हिंदुओं की भावनाओं से छेड़छाड़ करे।
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। अगर आप हिंदुओं का सम्मान करती हैं, तो सामने आ कर अपनी चुप्पी तोड़नी होगी। क्या हिंदुओं की तुलना आईएस या बोको हरम से होनी चाहिए। आप कह सकती हैं कि सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की विचारधारा हिंदुओं से नफरत करने की है।”
भाटिया ने कांग्रेस नेताओं के पुराने बयानों को याद दिलाते हुए कहा, “जिस तरह पी चिदंबरम और शिंदे ने कहा था कि हिंदू आतंकवाद होता है। आप जिस तरह हिंदुओं के खिलाफ राजनीति कर रही हैं। यह भारत की पंथ निरपेक्षता का अपमान है। भारत की आत्मा को आपने चोटिल किया है। इसलिए जरूरी है कि आप उठें, जागें और इस पर अपनी चुप्पी तोड़ें। आपने तो यहां तक कह दिया था कि प्रभु राम काल्पनिक हैं। शशि थरूर को आप खुली छूट देते हैं कि वे कहें हिंदू तालिबान। ऐसा क्यों नहीं होता कि आप कहें कि यह कांग्रेस कि विचारधारा नहीं, नेता जो कहते हैं वो गलत है। राजनीति में आप हमारे विरोधी हो सकते हैं, लेकिन देश के दुश्मन नहीं हो सकते। हिंदुओं के दुश्मन नहीं हो सकते।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी एक मकड़ी की तरह हिंदुओं के खिलाफ नफरत का जाल बुन रही है। एक बात और सामने आई सलमान खुर्शीद से जब पूछा गया था कि हिंदू तो वो हैं जिसको प्रताड़ित किया जाता है, विस्थापित किया जाता है कश्मीर से। लेकिन तीन दशक तक इंसाफ के लिए वो कानून का रास्ता लेता है, इंतजार करता है, लेकिन हिंसा नहीं करता। उन्होंने जवाब दिया कि बाहर हो गए, तो हो गए, हम क्या करें। 1984 के दंगों पर सैम पित्रोदा ने कहा था- हुआ तो हुआ।”